वाशिंगटन ।। अमेरिका ने सुझाव दिया है कि छोटे शहरों और गांवों में लोकतांत्रिक शासन के अनुभव के मद्देनजर भारत लीबिया में लोकतांत्रिक बदलाव की प्रक्रिया में मददगार साबित हो सकता है।

अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने बुधवार को पेरिस में ‘फ्रेंड्स ऑफ लीबिया’ की बैठक से पहले कहा कि लीबियाई लोगों की जरूरतों का उन्हें अंदाजा नहीं है। इस बैठक में 30 से ज्यादा देशों और संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। ब्रिक्स देशों-ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका से अपेक्षाओं के बारे में पूछने पर नूलैंड ने कहा, “भारत को लोकतांत्रिक शासन का व्यापक अनुभव है। उसे छोटे शहरों और गांवों में लोकतांत्रिक मसलों पर काम करने का अनुभव प्राप्त है।”

यह पूछने पर यदि लीबिया की अस्थायी राष्ट्रीय परिषद उन भारतीय कामगारों को स्वदेश बुलाने पर राजी हो जाए जो संघर्ष के कारण भारत लौट गए हैं, इस पर नूलैंड ने कहा कि यह प्रश्न तो अस्थायी राष्ट्रीय परिषद से पूछा जाना चाहिए।

भारत के सीरिया के साथ सम्बंधों के बारे में नूलैंड ने कहा कि कुछ सप्ताह पहले विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने इस बारे में कहा था कि वह चाहती हैं कि भारत इस दिशा में कुछ और कदम उठाए।

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here