वाशिंगटन ।। अमेरिका यद्यपि भारत को 126 बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमानों को बेच पाने में सफल नहीं हो पाया है, लेकिन उसने अब दुनिया के सर्वोत्तम जॉइंट स्ट्राइक फाइटर (जेएसएफ) सहित उच्च दर्जे की प्रौद्योगिकी देने की नई दिल्ली को पेशकश की है।

अमेरिकी रक्षा विभाग ने अमेरिका-भारत सुरक्षा सहयोग पर अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी गई एक रपट में कहा है, “अमेरिकी एफ-16 और एफ-18 ने कोशिश की, लेकिन अप्रैल 2011 में मध्यम बहुउद्देश्यी लड़ाकू विमानों (एमएमआरसीए) की प्रतिस्पर्धा में वे चयनित नहीं हो पाए।”

द्विपक्षीय रक्षा सम्बंधों को मजबूत बनाने की पंचवर्षीय कार्य योजना पर सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के अनुरोध पर तैयार की गई इस रपट में कहा गया है, “इस झटके के बावजूद हम मानते हैं कि जॉइंट स्ट्राइक फाइटर (जेएसएफ) जैसे अमेरिकी विमान दुनिया में सर्वोत्तम होंगे।”

रपट में कहा गया है, “यदि भारत जेएसएफ में रुचि दिखाता है तो अमेरिका भारत की भावी योजना में मदद करने के लिए जेएसएफ के बारे में और उसकी जरूरतों (अधोसंरचना, सुरक्षा, आदि) के बारे में जानकारी मुहैया कराने के लिए तैयार है।”

रपट में कहा गया है कि भारत ने लड़ाकू विमानों के अपने बेड़े में सुधार के प्रति रुचि दिखाई है। रपट में आगे कहा गया है, “भारत 126 मध्यम बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान खरीदना चाहता है और वह सुखोई/एचएएल श्रेणी के पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान विकसित करने के लिए रूस के साथ काम कर रहा है।”

रपट में कहा गया है कि रक्षा विभाग, विदेश विभाग और वाणिज्य विभाग के साथ मिलकर भारतीय रक्षा जरूरतों के लिए अमेरिकी समाधान की वकालत करेगा। रपट में कहा गया है, “हम मानते हैं कि भारत अपना खुद का घरेलू रक्षा उद्योग विकसित करना चाहता है, और अपने रक्षा क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना चाहता है।”

रपट में आगे कहा गया है, “अमेरिका, भारत के साथ गहन रक्षा औद्योगिक सहयोग विकसित करना चाहता है। इसमें कई सामूहिक अनुसंधान और विकास सम्बंधी गतिविधियां शामिल होंगी। अमेरिका, भारत को उत्तम दर्जे की प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने के लिए वचनबद्ध है।”

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