वाशिंगटन ।। अमेरिका के शीर्ष सैन्य अधिकारी माइक मुलेन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) और हक्कानी नेटवर्क के बीच साठगांठ के अपने बयान पर कायम हैं

जबकि व्हाइट हाऊस और विदेश विभाग ने खुद को इस बयान से अलग कर लिया है।

ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ एडमिरल मुलेन ने बुधवार को सीएनएन के साथ साक्षात्कार में कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सुरक्षा बलों पर हक्कानी नेटवर्क के साथ मिलकर हमला करने वाले आईएसआई के तत्व ‘बेहद सक्रिय’ हैं।

मुलेन ने पिछले सप्ताह अमेरिकी कांग्रेस में कहा था कि हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी का ‘वास्तविक हथियार’ है और 13 अगस्त को काबुल में अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले में आईएसआई ने हक्कानी नेटवर्क को मदद दी थी। मुलेन के इस बयान के बाद अमेरिका और पाकिस्तान में तनाव बढ़ गया। सरकार, सेना और खुफिया एजेंसी ने इस आरोप को सिरे से इसे खारिज किया।

इस बीच व्हाइट हाउस ने यह कहते हुए मुलेन के बयान से खुद को अलग किया कि वह इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करेगा। व्हाइट हाऊस के प्रवक्ता जे कार्ने ने हालांकि कहा कि ओबामा प्रशासन हक्कानी नेटवर्क तथा आईएसआई के बीच ‘सम्बंध’ के अपने आकलन पर कायम है और पाकिस्तान को इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है।

वहीं, विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरया नूलैंड ने कहा, “हम उनके इस निष्कर्ष के साथ हैं कि आतंकवादियों के लिए सुरक्षित ठिकाना खतरनाक है और इसलिए हमें साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। मुलेन ने यह भी कहा है कि हमारे (पाकिस्तान-अमेरिका) पास साथ मिलकर काम करने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है।”

यह पूछे जाने पर कि वह आईएसआई और हक्कानी नेटवर्क के सम्बंधों को किस तरह परिभाषित करेंगी, नूलैंड ने कहा, “यह विदेश विभाग से नहीं, बल्कि खुफिया तंत्र से जुड़ा सवाल है।”

समाचार पत्र ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने बुधवार को एक सुरक्षा अधिकारी के हवाले से यह भी लिखा कि मुलेन ने कांग्रेस में आईएसआई तथा हक्कानी नेटवर्क के सम्बंध को बढ़ा-चढ़ाकर बताया।

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