वाशिंगटन ।। अमरीकी सेना के मुख्यालय पेंटागन और राजधानी वाशिंगटन में विमान से हमले की साजिश को नाकाम करते हुए एफबीआई ने एक संदिग्ध आतंकी रिजवान फिरदौस[26] को गिरफ्तार किया है।

संदिग्ध आतंकी को पकड़ने के लिए एफबीआई के एजेंटों ने खुद को अलकायदा का सदस्य बताते हुए, पहले तो उससे संपर्क बढ़ाया और फिर जब एफबीआई के एजेंटों को पक्का यकीन हो गया कि रिजवान अलकायदा का आतंकी ही है, तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारियों का कहना है कि रिजवान अमरीकी नागरिक है और वह नॉर्थ−ईस्टर्न यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट है।

रिजवान को विस्फोटकों से लदे, रिमोट कंट्रोल से नियंत्रित एक विमान से अमरीकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन को उड़ाने की साजिश रचने के आरोप में एफबीआई ने गिरफ्तार किया है। न्याय विभाग के मुताबिक, इस अमरीकी नागरिक पर विदेशों में अमेरिकी सैनिकों पर हमले करने के लिए विस्फोटक सामग्री और संसाधन मुहैया कराने के प्रयास करने का आरोप भी लगाया गया है। उसे मैसाचुसेटस के फ्रैमिंघम में गिरफ्तार किया गया है।

एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि जनता के लिए यह विस्फोट सामग्री कभी भी खतरनाक नहीं हो सकती थी क्योंकि इस पर गुप्त रूप से एफबीआई के अधिकारियों का नियंत्रण होता है।

एक हलफनामे के मुताबिक, 2011 के जनवरी की शुरुआत में सहयोग करने वाले गवाहों की रिकॉर्ड की गई बातचीत में फिरदौस ने बताया था कि उसने पेंटागन पर छोटे ड्रोन विमानों से हमला करने की साजिश रची थी। इसमें विस्फोटक होते और विमान को जीपीसी सिस्टम द्वारा निर्देशित किया जाना था।

अप्रैल 2011 में फिरदौस ने अपनी साजिश का विस्तार कर उसमें एक अन्य स्थान पर हमले को शामिल किया। 2011 के मई और जून में फिरदौस ने छिपा कर दो पेन ड्राइव सौंपे जिसमें पेंटागन और कैपिटॅल पर हमले की साजिश का कदम दर कदम निर्देश सहित ब्यौरा था।

साजिश के मुताबिक, इस हमले के लिए रिमोट कंट्रोल से चलने वाले तीन विमानों और छह व्यक्तियों का इस्तेमाल किया जाना था, जिसमें वह व्यक्ति भी शामिल था जिसने खुद को आमिर बताया है। अरबी भाषा में आमिर का मतलब नेतृत्व करने वाला होता है।

हलफनामे के मुताबिक, नार्थईस्ट विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक फिरदौस ने वर्ष 2010 की शुरुआत में अमेरिका के खिलाफ हिंसात्मक जेहाद करने की साजिश रचना शुरू किया।

फिरदौस के पास कई मोबाइल फोन थे, जिनको उसने आईईडी के लिए इलेक्ट्रिक स्विच के तौर पर इस्तेमाल के लिए परिवर्तित कर दिया था। उसके बाद उसने इन फोनों को एफबीआई यूसीएस को भेज दिया था, जिसे वह अल-कायदा के वैसे सदस्य मान रहा था जो भर्ती करने का कार्य करते थे।

हलफनामे के मुताबिक, फिरदौस को ऐसा लगता था कि इन उपकरणों का उपयोग कर विदेश में रह रहे अमरीकी सैनिकों को मारा जा सकता है।

जून 2011 में हुई एक बैठक के दौरान, जब उसे बताया गया कि उसके पहले फोन विस्फोटक उपकरण से इराक में तीन अमरीकी सैनिक मारे गए और चार या पांच घायल हो गये हैं, तो उसे काफी संतोष हुआ था। फिरदौस ने कहा था निश्चित तौर पर वही हुआ, जो मैं चाहता था।

फिरदौस अमरीकियों को अल्लाह का दुश्मन मानता था और उनको मार कर अमरीका पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना चाहता था। फिरदौस का मानना था कि अमरीका पर गुप्त तरीके से जोरदार हमला किया जाए। उसका मानता था कि वह रुक नहीं सकता, क्योंकि उसके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है।

गौरतलब है कि अमरीका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन पर 11 सितंबर 2001 को हमला हो चुका है। इस हमले में अपहरणकर्ताओं ने एक यात्री जहाज को पेंटागन से टकरा दिया था। अगर रिजवान पर लगाए गये आरोप साबित हो जाते हैं, तो उसे विदेशी चरमपंथी संगठन को सामान मुहैया कराने के जुर्म में 15 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय को ध्वस्त करने का प्रयास करने के लिए 20 साल की सजा हो सकती है।

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