वाशिंगटन ।। अमेरिका ने भारत द्वारा अधिसूचित असैन्य परमाणु दायित्व कानून के नियमों के क्रियान्वयन पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है। अमेरिका ने कहा है कि फिलहाल वह भारत के इस कदम की समीक्षा कर रहा है।

संवाददाताओं द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका इन नियमों को अमेरिकी परमाणु कम्पनियों को भारत में निवेश की अनुमति देने के लिए पर्याप्त समझता है, विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने गुरुवार को कहा, “मैं समझता हूं कि हम फिलहाल इसके बिंदुओं की समीक्षा कर रहे हैं। इसकी गहन समीक्षा कर लेने के बाद ही हम कोई टिप्पणी करेंगे।”

असैन्य परमाणु क्षतिपूर्ति दायित्व अधिनियम से सम्बंधित जिन नियमों को अधिसूचित किया गया है, वे परमाणु रिएक्टर संचालक को अधिकार देते हैं कि वह उपकरण आपूर्तिकर्ता द्वारा करार के तहत उपकरणों में प्रत्यक्ष या परोक्ष खामियों या घटिया सेवाओं के लिए ली गई जवाबदेही के लिए तय समय के भीतर उसके खिलाफ दावा कर सकता है। 

नियमों के अनुसार, कोई भी रिएक्टर संचालक आपूर्तिकर्ता के खिलाफ उस राशि से अधिक का दावा नहीं कर सकता, जितनी राशि का भुगतान दावा किए जाने की तिथि तक वह आपूर्तिकर्ता को कर चुका होगा।

अमेरिका ने भारत से कहा है कि उसका असैन्य दायित्व कानून अंतर्राष्ट्रीय संकल्पों के अनुरूप होना चाहिए। 

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