वाशिंगटन ।। अपने एक प्रमुख सहयोगी को शांत करने की कोशिश के तहत अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि उसने पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता में कटौती नहीं की है और प्रस्तावित विधेयक घरेलू स्तर पर निर्मित बमों के विस्तार पर रोक लगाने के लिए है। 

विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलेंड ने मंगलवार को एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, “सबसे पहले यह स्पष्ट कर दूं कि यहां क्या हुआ है और क्या नहीं हुआ है। हमने पाकिस्तान को 70 करोड़ डॉलर की सहायता नहीं रोकी है।”

कांग्रेस की एक समिति ने सोमवार को तबतक के लिए पाकिस्तान को 70 करोड़ डॉलर की सहायता रोकने पर सहमति जताई थी, जबतक कि इस्लामाबाद घरेलू स्तर पर निर्मित बमों के खिलाफ लड़ाई में मदद नहीं करता। इस सहमति के एक रक्षा विधेयक के हिस्से के रूप में इस सप्ताह पारित होने की सम्भावना है।

नूलेंड ने कहा, “हमारे पास रक्षा अनुज्ञा विधेयक से सम्बंधित कुछ है, जो फिलहाल कांग्रेस में है।”

नूलेंड ने कहा, “इसलिए यदि यह विधेयक कानून बनता है, तो हम पाकिस्तान सरकार के साथ इस मुद्दे पर काम करेंगे कि हम जरूरतें कैसे पूरी कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि हम एक रणनीतिक परिप्रेक्ष्य बनाए रखें और रणनीति को लेकर कांग्रेस में स्पष्ट बने रहें।”

उन रपटों पर टिप्पणी मांगे जाने पर जिसमें इस्लामाबाद नाटो के हमले को लेकर इस बात पर जोर दे रहा है अमेरिका इसके लिए माफी मांगे, नूलेंड ने कहा, “यह अलग बात है कि हमारा रिश्ता कभी-कभी कठिन हो जाता है, लेकिन यह अमेरिका और पाकिस्तान को एक साथ लगातार काम करते रहने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”

ज्ञात हो कि अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के खिलाफ दो मई को पाकिस्तान में की गई अमेरिकी कार्रवाई के बाद दोनों देशों के सम्बंधों में तनाव आ गया था। ये सम्बंध और तब चटख गए, जब पाकिस्तान की दो सीमा चौकियों पर 26 नवम्बर को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के हवाई हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई।

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