वाशिंगटन ।। अमेरिका और पाकिस्तान आनेवाले दिनों में एक-दूसरे के साथ हिंसक संघर्ष करते नजर आ सकते हैं। एक अमेरिकी थिंक टैंक के मुताबिक, अगले साल अमेरिका को जिन मोर्चों पर जूझना पड़ सकता है, उनमें से एक पाकिस्तान के साथ संघर्ष भी शामिल है।

“द काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशनंस सेंटर फॉर प्रिवेंटिव ऐक्‍शन” के एक सर्वे के अनुसार अमेरिका को अगले वर्ष 2012 में पाकिस्तान, यूरो संकट और सऊदी अरब की राजनीतिक अस्थिरता से दो-चार होना पड़ सकता है।

इस सर्वे की सबसे अहम् बात यह है कि भारत-पाकिस्तान के बीच किसी तरह की सैन्य टकराव होने की संभावना को न के बराबर माना गया है। इस सर्वे में अमेरिका की कमांडो कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद 2011 में उत्पन्न तनाव के बीच किसी संभावित हमले या आतंकवाद निरोधी अभियान के कारण पाकिस्तान के साथ भड़कने वाले संघर्ष के खतरे को बढ़ा कर बताया गया है। 

गौरतलब है कि सर्वे के नतीजे ऐसे समय में आए हैं जबकि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। ध्यान रहे कि 26 नवंबर को मोहमंद में दो पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर नाटो के हवाई हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। इसके बाद पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए अपने देश के रास्ते से अफगानिस्तान जाने वाली नाटो की सप्लाई को तत्काल प्रभाव से रोक दिया था और साथ ही अमेरिका को शम्सी हवाई अड्डे को खाली करने के लिए भी कह दिया था।

इस सर्वेक्षण में गुप्त रूप से अमेरिकी अधिकारियों और विशेषज्ञों के विचार लिए गये हैं। बड़े आतंकवादी हमले के कारण भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के संभावित खतरे को इस बार टॉप से घटाकर दूसरे दर्जे का कर दिया गया है। वहीं, पाकिस्तान के साथ अमेरिका के संभावित संघर्ष को 2012 की लिस्ट में टॉप पर कर दिया गया है।

यूरो संकट के बारे में कहा गया है कि यह अमेरिका को दोबारा मंदी में घसीट सकता है। सऊदी अरब में अस्थिरता के कारण पूरी दुनिया को तेल संकट का सामना करना पड़ा सकता है।

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