वाशिंगटन ।। अमेरिकी विदेश विभाग ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तानियों के बीच अपनी नकारात्मक छवि को लेकर वाशिंगटन चिंतित है।

विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड से जब यह पूछा गया कि अब तमाम पाकिस्तानी भारत के बदले अमेरिका को क्यों अपना नम्बर एक दुश्मन मानने लगे हैं, जबकि अमेरिका उन्हें हर वर्ष अरबों डॉलर की मदद करता है, उन्होंने कहा, “हम पाकिस्तान में इस तरह की राय रखने वालों की बढ़ रही संख्या को लेकर चिंतित हैं।”

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, नूलैंड की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब कुछ ही घंटे पहले राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हक्कानी नेटवर्क सहित आतंकवादी संगठनों के साथ सम्बंध रखने के लिए पाकिस्तान को चेतावनी दी थी। ओबामा ने कहा था कि यदि पाकिस्तान अमेरिकी हितों का लिहाज नहीं करेगा तो वाशिंगटन इस तरह का कोई दीर्घकालिक सम्बंध नहीं स्वीकार कर पाएगा।

नूलैंड ने कहा कि इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास का एक मुख्य कार्य पाकिस्तानियों के एक व्यापक वर्ग की एक सटीक तस्वीर देना है। नूलैंड ने स्वीकार किया कि कभी-कभी रिश्ते के अन्य पक्षों को लेकर तीव्र भावनाओं के कारण लोगों में अंदर तक घुस पाना कठिन हो जाता है।

नूलैंड ने कहा कि पाकिस्तान को दी जाने वाली अमेरिकी असैन्य मदद अर्थव्यवस्था, शिक्षा आदि में सुधार लाने में पाकिस्तान के लिए मददगार होगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका इन क्षेत्रों में पाकिस्तान को लगातार मदद जारी रखेगा।

ज्ञात हो कि पिछले महीने अमेरिकी जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ माइक मुलेन ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया था कि हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसिस इंटेलिजेंस (आईएसआई) की एक वास्तविक शाखा है। इस पर इस्लामाबाद ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

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