वाशिंगटन ।। अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तान से स्पष्ट तौर पर कहा है कि अमेरिका, पाकिस्तान में आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाहों को बर्दाश्त नहीं करेगा।

क्लिंटन ने काबुल में गुरुवार को समाचार चैनल सीएनएन के साथ एक बातचीत में कहा, “हाल के महीनों में हमने हक्कानी नेटवर्क को एक लड़ाकू बल के रूप में परिवर्तित होते देखा, जो जानबूझकर अमेरिकी लक्ष्यों को निशाना बना रहा है।” जैसे कि उसने काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास को निशाना बनाया।

क्लिंटन ने कहा, “हम उसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। पाकिस्तान में स्थित जिन सुरक्षित पनाहगाहों से वे इस तरह के हमले कर रहे हैं, उनका अफगानिस्तान में तालिबान के वापस लौटने से कुछ भी लेना-देना नहीं है।”

विदेश विभाग द्वारा जारी साक्षात्कार की एक प्रतिलिपि के अनुसार, क्लिंटन ने कहा है, “भारत के खिलाफ पाकिस्तान की घेरेबंदी से इसका कुछ भी लेना-देना नहीं है। इसका मतलब उस संगठन से है, जिसके पाकिस्तान में सुरक्षित पनाहगाह हैं और वहां से वह अमेरिकियों को निशाना बना रहा है। और उसने हमारे गुणा-गणित को बदल दिया है, और इसलिए पाकिस्तानियों के गुणा-गणित भी बदल जाने चाहिए।”

इस्लामाबाद के खिलाफ क्लिंटन के सबसे कठोर शब्द थे “हताशा नहीं, यह संकल्प है।” उन्होंने कहा, “मेरा मतलब, हमें एक काम करना है। और इस काम में लड़ाई, बातचीत, और निर्माण शामिल है। और पाकिस्तान इन तीनों मार्गो पर चाहे समाधान का हिस्सा बने या समस्या का, हम इस विकल्प को यथासम्भव पूरी स्पष्टता के साथ सामने रखना चाहते हैं।”

क्लिंटन ने कहा, “हम यह भी मानते हैं, और हमने हमेशा माना है कि पाकिस्तान से सहयोग के रूप में हम जो चाहते हैं, वह खुद पाकिस्तान के और उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में है।”

क्लिंटन ने कहा कि अमेरिका ने यह बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि हम अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के दोनों ओर स्थित सुरिक्षत पनाहगाहों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिकी और अफगानी सैनिक हक्कानी नेटवर्क के सदस्यों को निशाना बनाने की ठोस और सफल कोशिश कर रहे हैं।

क्लिंटन ने कहा, “यह कोशिश जारी रहेगी, क्योंकि यह हमारे लिए बर्दाश्त के बाहर है कि हम किनारे खड़े रहें और किसी के खिलाफ, बल्कि खासतौर से.. अमेरिकियों के खिलाफ इस तरह के हमले होने दें।”

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