बाली ।। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने शुक्रवार को यहां कहा कि दोनों देशों के फलने-फूलने के लिए पर्याप्त जगह है। दोनों नेताओं ने यह टिप्पणी यहां अपनी वार्ता के प्रारम्भ में की। 

दोनों नेताओं के बीच मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बना हुआ है। 

वेन ने कहा कि उनके बीच महत्वपूर्ण मुद्दों पर वैचारिक आदान-प्रदान की सहमति बहुत पहले ही बन गई थी। इसके साथ ही उन्होंने मनमोहन सिंह को उनकी वह टिप्पणी याद दिलाई, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के फलने-फूलने को पर्याप्त जगह है। उन्होंने कहा कि इसके लिए “दुनिया में पर्याप्त क्षेत्र हैं, जहां चीन और भारत अपने सहयोग बढ़ा सकते हैं।”

वेन ने कहा, “दुनिया में सर्वाधिक आबादी वाले हमारे दोनों देशों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम आधुनिकता हासिल करें और हाथ में हाथ मिलाकर काम करें।” उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि इस तरह की दुनिया आने वाली है।

मनमोहन सिंह ने भी सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि वह चीन के साथ सर्वश्रेष्ठ सम्बंध विकसित करने के लिए बचनबद्ध हैं। सिंह ने पिछले दिसम्बर में हुए वेन के भारत दौरे को मील का पत्थर करार देते हुए कहा, “जैसा आपने कहा है कि भारत और चीन को फलने-फूलने के लिए पर्याप्त जगह है।”

मनमोहन ने कहा कि दोनों देश न केवल पड़ोसी हैं, बल्कि विशाल विकासशील अर्थव्यवस्थाएं भी हैं, जिन्हें क्षेत्रीय, द्विपक्षीय और वैश्विक, कई मुद्दों पर आपस में सहयोग करना चाहिए। मनमोहन सिंह ने होटल लागुना में शिष्टमंडल स्तर की बातचीत के दौरान कहा कि दोनों देशों ने जब भी जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर सहयोग किया है, उसका प्रभाव सकारात्मक रहा है।

इसके पहले मनमोहन सिंह ने सुबह अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात की।

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