इस्लामाबाद ।। पाकिस्तानी सेना प्रमुख, जनरल अशफाक परवेज कयानी ने पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के हमले के बाद प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा की है।

पिछले महीने हुए इस हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई थी। 

पाकिस्तान की सरकारी समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (एपीपी) के अनुसार, जनरल कयानी ने शुक्रवार को यहां गिलानी से मुलाकात की।

यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के स्वास्थ्य को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। जरदारी मंगलवार को अचानक दुबई चले गए थे। उसके बाद सैन्य तख्तापलट की अफवाह फैल गई थी, जिसे अमेरिका ने रोका था। 

एपीपी द्वारा जारी रपट के अनुसार, कयानी ने पाकिस्तानी सीमा में किसी सम्भावित घुसपैठ से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए पश्चिमी सीमा पर रक्षा क्षमताओं को चुस्त करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। 

ज्ञात हो कि गत 26 नवम्बर को मोहमंद एजेंसी में दो पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर नाटो द्वारा किए गए हवाई हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। इसके बाद पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रया व्यक्त की थी और अपने देश के रास्ते से अफगानिस्तान जाने वाली नाटो की आपूर्ति तत्काल रोक दी थी और अमेरिका को शम्सी हवाई ठिकाना खाली करने के लिए कह दिया था।

गिलानी ने कहा कि लोकतांत्रिक सरकार देश की सम्प्रभुता पर इस तरह के हमलों को इजाजत नहीं देगी और भविष्य में इस तरह के किसी भी दुस्साहस का मुहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

गिलानी ने कहा कि सरकार और पाकिस्तान की जनता रक्षा एवं पेशेवर क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सेना को सभी संसाधन मुहैया कराने के लिए तैयार है।

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