ऑस्ट्रेलियाई नाटक में भगवान गणेश को नाजी गुप्तचर सेवा की ओर से प्रताड़ित और पूछताछ करते दिखाया गया है। इसका हिंदू समुदाय ने कड़ा विरोध किया है।

हिंदू समुदाय का कहना है कि भगवान को मंच पर हंसी का पात्र नहीं बनाया जाना चाहिए। ऑस्ट्रेलिया के ‘बैक टू बैक थिएटर’ के नाटक ‘द गणेश वर्सेज द थर्ड राइक’ का मेलबर्न महोत्सव में 29 सितंबर को वर्ल्ड प्रीमियर होने वाला है।

अमेरिका के हिंदू कार्यकर्ता रंजन जेड ने कहा कि नाटक में अप्रासंगिक कल्पना प्रस्तुत की गयी है जैसे उसमें भगवान गणेश को एडोल्फ हिटलर के नाजी गुप्तचर सेवा की ओर से प्रताड़ित और पूछताछ करते दिखाया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘भगवान गणेश की मंदिरों और घरों में पूजा की जाती है. उन्हें नाटक के मंच पर उपहास का पात्र नहीं बनाया जा सकता।’’

जेड ने कहा, ‘‘अप्रासंगिक काल्पनिक कल्पना के जरिये भगवान गणेश को नाजी गुप्तचर सेवा की ओर से प्रताड़ित और पूछताछ करते हुए दिखाने से समुदाय के लोग आहत हुए हैं।’’

हालांकि थिएटर समूह के कार्यकारी निर्माता एलिस नैश ने कहा कि नाटक ने मुश्किल क्षेत्र में प्रवेश कर गया लेकिन इसमें हिंदुओं के नाराज होने वाली कोई बात नहीं थी।

उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से उनका उद्देश्य ऐसा कोई प्रस्तुति करना नहीं था जो किसी के लिए असम्मान का भाव पैदा करे। हमने इस बारे में सावधानीपूर्वक विचार किया था कि उन्हें मंच पर किस तरह से पेश किया जा रहा है और क्या कहा जा रहा है।’’

हाल में सिडनी में आयोजित एक फैशन कार्यक्रम के दौरान पेश स्विमसूट पर मां लक्ष्मी की तस्वीर दिखाने के लिए पूरे विश्व में विरोध हुआ था। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई स्विमसूट कंपनी ने इसके लिए क्षमा मांग ली थी।

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