हांगकांग, Hindi7.com ।। चीन दुनिया में सबसे अधिक सोना रखने वाले देशों में छठे स्थान पर आ गया है। चीन अपनी आरक्षित संपत्तियों को अमेरिकी डॉलर से अलग करना चाहता है। इसी कारण से उसका स्वर्ण भंडार बढ़ रहा है।

वित्त मंत्रालय ने व‌र्ल्ड गोल्ड काउंसिल [डब्ल्यूजीसी] के आंकड़ों के हवाले से कहा है कि चीन का सोने का भंडार मार्च 2011 तक 1,054.1 टन पर पहुंच गया है।

यह अमेरिका के भंडार का करीब 12.5 प्रतिशत है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन के पास 2009 से छह साल पहले तक केवल 600 टन स्वर्ण भंडार था।

डब्ल्यूजीसी एक अंतर्राष्ट्रीय, लेकिन बिना लाभ के काम करने वाला संगठन है, जो निवेशकों को सोने के बारे में महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रदान करता है। स्वर्ण भडार के मामले में अमेरिका 8,133.5 टन के साथ पहले स्थान पर है। जर्मनी के पास 3,406.8 टन सोना है।

इनके बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष [3,005.3 टन], इटली [2,451.8 टन] और फ्रांस [2,435.4 टन] का स्थान आता है। चीन की कुल आरक्षित परिसंपत्तियां 3,000 अरब डॉलर की है। इसमें सोने का योगदान मात्र 1.6 प्रतिशत यानी की केवल 55 अरब डॉलर का ही है।

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