वाशिंगटन ।। अमेरिका ने पिछले सप्ताह ईरान में दुर्घटनाग्रस्त ड्रोन को हासिल करने या उसे नष्ट करने के लिए ईरान के अंदर एक गुप्त कार्रवाई की योजना बनाई थी, लेकिन अंतत: उसने इस इरादे को छोड़ दिया, क्यों उसे आशंका थी कि इस तरह की किसी कार्रवाई से ईरान के साथ तनाव भड़क सकता है। यह जानकारी एक मीडिया रपट में सामने आई है। 

समाचार एजेंसी सिन्हुआ द्वारा समाचार पत्र ‘वालस्ट्रीट जर्नल’ के हवाले से जारी रपट में अनाम अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि आरक्यू-170 ड्रोन को ईरान ने मारकर नहीं गिराया था। बल्कि इसमें तकनीकी गड़बड़ी पैदा हो गई थी और सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) के रिमोट चालकों का मानवरहित इस विमान पर नियंत्रण समाप्त हो गया था। 

ड्रोन के दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी मिलने के तत्काल बाद अमेरिकी अधिकारियों ने मलबे को हासिल करने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार किया था। 

एक योजना के तहत विमान के मलबे हासिल करने के लिए ईरान के अंदर एक दल भेजा जाना था। उन्होंने अफगानिस्तान में स्थित अमेरिकी कमांडो का एक दल भेजने या ईरान के अंदर स्थित सहयोगी एजेंटों के जरिए मलबे को कब्जे में लेने पर भी विचार किया था। 

एक अन्य विकल्प के तहत ईरान में एक दल भेजकर विमान के मलबे को नष्ट करने की भी योजना थी। तीसरा विकल्प एक हवाई हमले के जरिए मलबे को नष्ट करने का था। 

लेकिन अधिकारियों ने अंतत: मलबे को हासिल करने या उसे नष्ट करने के अभियान का इरादा छोड़ दिया। क्योंकि उन्हें आशंका थी कि यह अभियान जोखिम भरा हो सकता था।

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