अंकारा ।। तुर्की के पूर्वी क्षेत्र में आए भूकम्प में अब तक कम से कम 279 लोगों की मौत हो गई और 1300 घायल हो गए हैं। इस बीच राहत और बचाव कार्य जोरों पर है और 26 विमानों से राहत सामग्री प्रभावित इलाकों में पहुंचाया जा रहा है। तलाशी अभियान में 2400 लोगों का दल जुटा हुआ है। इसके अलावा 355 इंजीनियरिंग वाहन और 100 एम्बुलेंस प्रभावित इलाके में भेजे गए हैं।

विनाशकारी भूकम्प की वजह से अब भी कई लोग लापता हैं। राहत और बचावकर्मी मलबे के ढेर से जीवित लोगों को तलाशने के लिए युद्धस्तर पर कार्य कर रहे हैं।

गृह मंत्री इद्रिस नईम साहिन ने बताया कि रविवार को आए रिक्टर पैमाने पर 7.2 तीव्रता वाले भूकम्प से वान और एरसिस शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि वान में 95 और एरसिस में अब तक 169 लोगों की मौत हो चुकी है।

तुर्की के प्रधानमंत्री रेसेप तैयप एरदोगान ने प्रभावित शहरों का दौरा किया और बचाव एवं राहत कार्यो का जायजा लिया।

इस बीच बचाव दल ने एरसिस शहर में मलबों के बीच दबे करीब 700 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।

भूकम्प की वजह से लाखों ने रातें आसमान के नीचे बिताईं। सड़कों पर रात गुजारने वालों के लिए हालांकि मुश्किलें कम नहीं हैं क्योंकि तुर्की में इन दिनों काफी ठंड पड़ती है। लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कई जगह राहत शिविर बनाए गए हैं।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक प्रभावित इलाकों कम्बल, तम्बू और भोजन वितरित किए जा रहे हैं।

आपात योजना के प्रमुख साहिन ने कहा कि सिर्फ एरसिस में ही 80 बहुमंजिले भवन ध्वस्त हो गए। उन्होंने बताया कि 40 इमारतों में लोगों के फंसे होने की संभावना है और इससे मृतकों की संख्या में इजाफा होने की आशंका है।

उन्होंने कहा, “बचाव कार्य चल रहा है। खासतौर पर जहां जीवित लोगों के होने की संभावना है।”

समाचार पत्र ‘टूडेज जमान’ ने तुर्की के उद्योग मंत्री निहत इर्गुन के हवाले से सोमवार को बताया कि भूकम्प से प्रभावित छोटे उद्योगों को सरकार सहायता मुहैया कराएगी।

समाचार एजेंसी अनातोलिया ने सोमवार को बताया कि अमेरिका, ब्रिटेन, इजराइल, चीन सहित संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा तुर्की को सहायता की पेशकश की गई है।

टीवी की रिपोर्ट के अनुसार कुल 1275 बचाव दल वान प्रांत पहुंच चुके हैं। इससे पहले वान प्रांत में नवम्बर 1976 में भूकम्प आया था जिसमें 5,291 लोग मारे गए थे।

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