कान ।। दुनिया के शीर्ष औद्योगिक देशों के संगठन जी-20 की बैठक में शरीक होने आए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं के साथ बैठक की।

भारत सहित इन पांचों देशों के समूह को ‘ब्रिक्स’ नाम दिया गया है। इन नेताओं की बैठक का उद्देश्य जी-20 सम्मेलन में अपनी बातों को प्रभावी रूप से रखना है।

बैठक से पहले भारतीय वार्ताकारों ने कहा कि हालांकि जी-20 ने भारत से यूरोप के कर्ज संकट के समाधान के लिए सहायता का अनुरोध नहीं किया है लेकिन इस संकट के समाधान में सहयोग करने के लिए भारत तैयार है।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा, “हालांकि कोई द्विपक्षीय अनुरोध नहीं मिला है, लेकिन हम सहायता करने के लिए तैयार है। हम इस संकट के पूरी दूनिया में फैलने को सहन नहीं कर सकते। मैं यह भी कहना चाहूंगा कि भारत अभी तक इससे प्रभावित नहीं है।”

वर्ष 2008 में वाशिंगटन में जी-20 देशों के हुए पहले शिखर सम्मेलन के बाद यह छठा सम्मेलन है। इस सम्मेलन का पूरा ध्यान यूरोप के कर्ज संकट पर केंद्रित हो गया है।

मनमोहन सिंह के अलावा ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ, रूस के राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव, चीन के राष्ट्रपति हू जिन्ताओ और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जूमा इसमें शरीक कर रहे हैं।

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