वाशिंगटन ।। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के जासूस गुलाम नबी फई ने दावा किया कि कश्मीर मुद्दा सुलझाने की कोशिशों के तहत वह पिछले 20 सालों से भारत के केंद्रीय मंत्रियों और दूतावास अधिकारियों के नियमित सम्पर्क में था। 

फई (62) ने पिछले सप्ताह अमेरिकी अदालत में आईएसआई का जासूस होने की बात कबूल की थी। उसने वर्जीनिया के अलेक्जेंड्रिया कोर्ट हाउस में दिए एक बयान में दावा किया कि वह भारतीय अधिकारियों के सम्पर्क में था।

फई के दावे की पुष्टि के लिए आईएएनएस ने इस पर प्रतिक्रिया लेने के लिए अमेरिका में भारतीय दूतावास से सम्पर्क किया लेकिन अब तक इस पर कोई जवाब नहीं मिला।

‘कश्मीर मेरे लिए महत्वपूर्ण है’ शीर्षक वाले बयान में फई ने कहा, “कश्मीर मुद्दे के समाधान में हिस्सा लेने के लिए भारत सरकार से संवाद बनाने के लिए दूतावास अधिकारियों से मिलना मेरी रणनीति का प्रमुख हिस्सा था।”

फई ने कहा, “पिछले 20 सालों में मैंने राजदूत यूसुफ बुच के साथ और कश्मीर फ्रीडम मूवमेंट के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अयूब थुकेर के साथ भारत के कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कई मंत्री शामिल हैं।”

उसने कहा कि पिछले 11 सालों में वह चार दूतावास अधिकारियों के भी सम्पर्क में था। जिन्होंने एक के बाद एक पद ग्रहण किये। हर अधिकारी ने सेवानिवृत्ति के बाद अगले अधिकारी के साथ उसका परिचय कराया।

फई ने कहा कि 1999 से भारतीय दूतावास अधिकारियों के साथ उसने हर महीने एक या दो बार मुलाकात किए।

वह जब भी कश्मीर पर कोई कार्यक्रम आयोजित करता था, तो दूतावास अधिकारी को आमंत्रित करता था।

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