इस्लामाबाद ।। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क उनके कार्यकाल के दौरान मौजूद नहीं था।

वाशिंगटन में बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मुशर्रफ ने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अमेरिका और अन्य देशों को विश्वास में लेते हुए यह बताए कि इस्लामाबाद आतंकवादी गतिविधियों में शामिल नहीं है।

मुशर्रफ ने अमेरिका के उन आरोपों को भी खारिज कर दिया, जिसमें अमेरिका ने दावा किया था कि पाक सेना और वहां की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के तार आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। मुर्शरफ ने अमेरिकी आरोपों को ‘तथ्यहीन और फर्जी’ बताया।

मुशर्रफ ने कहा कि अमेरिकी इस समय भ्रमित हैं और यही वजह है कि वे पाकिस्तान के खिलाफ इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।

मुशर्रफ से यह पूछे जाने पर कि क्या तहरीक-ए-तालिबान से बातचीत शुरू की जानी चाहिए, तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि इस आतंकवादी संगठन ने स्कूली छात्राओं को जिंदा जला दिया था और बहुत लोगों की हत्या कर चुका है।

उल्लेखनीय है कि हक्कानी नेटवर्क आतंकवादी संगठन तालिबान का एक सहयोगी है और पाक-अफगान के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय है। इसकी स्थापना मौलवी जलालुद्दीन हक्कानी ने की थी। अब इस संगठन की कमान जलालुद्दीन के बेटे सिराजुद्दीन हक्कानी के हाथ में है। यह संगठन नाटो ओर अफगान सेनाओं के खिलाफ कई हमले कर चुका है।

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