वाशिंगटन ।। अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि अमेरिका चाहता है कि ईरान अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) द्वारा हाल में खड़े किए गए गम्भीर सवालों के जवाब दे। 

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, हिलेरी ने यह टिप्पणी हवाई के होनोलुलु में आयोजित एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) की बैठक में की। 

आईएईए की रपट में कहा गया है कि ईरान 2003 के बाद भी परमाणु हथियार अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास जारी रखे हुए है, जबकि उसने अपने परमाणु कार्यक्रम में विराम की घोषणा की थी।

हिलेरी ने कहा कि उन्होंने और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अधिकारियों ने आईएईए की रपट पर चर्चा की है, जिसमें ईरानी सरकार के परमाणु हथियार सम्बंधी कार्यो के बारे में गम्भीर चिंता व्यक्त की गई है।

हिलेरी ने कहा, “अमेरिका अपने साझेदारों और सहयोगियों के साथ ईरान पर दबाव बनाने के लिए उठाए जाने वाले अगले कदम पर मशविरा जारी रखेगा।”

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने ईरान में कथित सैन्य परमाणु कार्यक्रम को लेकर गम्भीर चिंता जाहिर की है और तेहरान के साथ सैन्य टकराव के बदले एक राजनयिक समाधान का आह्वान किया है। 

ईरानी विदेश मंत्री अली-अकबर सालेही ने कहा है कि आईएईए के दस्तावेज निराधार हैं। 

अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों को इस बात की चिंता है कि ईरान यूरेनियम सम्वर्धन का इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने में करेगा। लेकिन तेहरान लम्बे समय से कह रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।

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