प्रिटोरिया ।। पांचवें भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका (इब्सा) शिखर सम्मेलन में जारी श्वाने घोषणापत्र में मंगलवार को जहां आतंकवाद को प्रमुखता से जगह दी गई और इसके सभी रूपों और द्वंद्वों का अफगानिस्तान सहित जिक्र किया गया वहीं पाकिस्तान का नाम घोषणापत्र से नदारद रहा।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैबक जुमा ने मंगलवार को अपनी बैठकों के बाद संवाददाताओं को संबोधित किया।

इब्सा सम्मेलन में भारतीय वार्ताकार ने इस विषय को अनदेखा करते हुए कहा कि नेताओं का ध्येय बड़े परिप्रेक्ष्य के विषयों और आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा करना था।

भारत के विदेश विभाग में सचिव (पश्चिम) एम. गणपति ने संवाददाताओं से कहा, “घोषणापत्र में कई विषयों का जिक्र किया गया है। इसमें लीबिया, फिलीस्तीन, सीरिया, अफगानिस्तान पर चर्चा है। इसमें आतंकवाद और बड़े मुद्दों को उठाया गया है। “

घोषणापत्र में अफगानिस्तान पर विशेष रूप से चर्चा की गई है, जिसमें कहा गया है कि सतत शांति और विकास के लिए काबुल को सहयोग करने की जरूरत है। श्रीलंका के बारे में घोषणापत्र में उसकी संप्रभुता को स्वीकार करते हुए समन्वित राजनीतिक समझौता के प्रयास पर बल दिया गया है।

घोषणापत्र में अपराध, लीबिया, अरब-इजरायल शांति प्रक्रिया, सीरिया, सूडान, सोमालिया, गुनिया-बिसायू पर अगल से चर्चा की गई है। ऐसे में पाकिस्तान का जिक्र न होना अपवाद की तरह है।

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here