प्रिटोरिया ।। भारत को उम्मीद है कि वह दक्षिण अफ्रीका से यूरेनियम का आयात कर सकता है और इस देश से उसे अफ्रीकी परमाणु हथियार मुक्त क्षेत्र संधि के बावजूद यूरेनियम की आपूर्ति हो सकती है।

भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका देशों के संगठन इब्सा के शिखर सम्मेलन से इतर पत्रकारों से बातचीत करते हुए दक्षिण अफ्रीका में भारत के राजदूत विरेंद्र गुप्ता ने कहा कि इस देश ने यूरेनियम का संग्रह कर रखा है और इसके आयात के लिए भारत ने बातचीत शुरू की है।

गुप्ता ने अफ्रीकी परमाणु हथियार मुक्त क्षेत्र संधि का उल्लेख करते हुए कहा कि यह संधि करार पर हस्ताक्षर करने वाले देशों को ऐसे किसी भी देश जिसने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर न किया हो उसके साथ परमाणु कारोबार का इजाजत नहीं देती है। गुप्ता ने कहा, “ऐसा मालूम होता है कि यहां एक अपवाद होगा।”

गुप्ता ने कहा, “लेकिन यह मुश्किल नहीं होगा। हमारा कई देशों के साथ असैन्य परमाणु करार है। मैं ऐसा कोई कारण नहीं देखता कि हम यहां ऐसा करार क्यों नहीं कर सकते।”

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठकें खत्म करने के बाद गुप्ता पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे।

तीनों नेताओं द्वारा पारित संयुक्त घोषणापत्र में यह सहमति दिखी कि परमाणु अप्रसार संधि पर आधिकारिक रूप से हस्ताक्षर न करने के बावजूद भारत परमाणु मामलों में एक जिम्मेदार देश है।

घोषणापत्र में कहा गया, “तीनों नेताओं ने एक निर्धारित समयसीमा में एक व्यापक, सार्वभौमिक, भेदभाव रहित, प्रमाणित और अपरिवर्तनीय तरीके से सभी परमाणु हथियारों के पूर्ण उन्मूलन के लक्ष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।”

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