वाशिंगटन ।। अमेरिका ने भारत और अफगानिस्तान के बीच ‘रचनात्मक’ साझेदारी का समर्थन करते हुए कहा है कि दक्षिण एशिया में जारी वर्तमान स्थिति को हल्के में नहीं लिया जा सकता, बावजूद इसके की उसका प्रमुख सहयोगी पाकिस्तान अफगानिस्तान में भारत के बढ़ते दखल से खुश नहीं है।
विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने यहां सोमवार को संवाददाताओं से कहा, “हमें इस क्षेत्र के सभी देशों के बीच अच्छे, मजबूत और रचनात्मक सम्बंधों की आवश्यकता है। सभी देशों को एक दिशा में लाने की जरूरत है।”
यह पूछे जाने पर कि अमेरिका काबुल और नई दिल्ली के बीच सम्बंधों को किस प्रकार देखता है, वह भी ऐसे समय में जब पाकिस्तान इससे खुश नहीं है, तो उन्होंने कहा, “न्यू सिल्क रूट सहित अफगानिस्तान में शुरू किए गए कुछ प्रयासों पर निश्चित तौर पर हम अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”
टोनर ने कहा कि इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। क्षेत्र के सभी देशों को यहां की आर्थिक क्षमताओं के दोहन के लिए एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई की भारत यात्रा के समय दानों देशों के बीच हुए सामरिक समझौते के बारे में पूछे जाने पर टोनर ने कहा, “एक बार फिर मैं यह कहना चाहूंगा हम भारत और अफगानिस्तान के बीच आर्थिक साझेदारी और आपसी सम्बंधों को रचनात्मक रूप से देखते हैं।”
टोनर ने कहा कि अमेरिका दक्षिण एशियाई देशों के बीच रचनात्मक बातचीत को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है।
उन्होंने कहा, “दोबारा मैं कहना चाहूंगा कि यह एक निर्थक प्रयास नहीं है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सभी देश सही दिशा में कार्य करे।”
हक्कानी नेटवर्क के समर्थन को लेकर पाकिस्तान और अमेरिका के सम्बंधों के बारे में पूछे जाने पर टोनर ने कहा, “जैसा कि हम पहले भी कई बार कह चुके हैं, पाकिस्तान को आतंकवादी संगठनों से बहुत अधिक खतरा है। हम इन चुनौतियों से निपटने के लिए रचनात्मक तरीका ढूंढ़ना चाहते हैं।”