वाशिंगटन ।। अमेरिकी सेना की 2014 तक अफगानिस्तान छोड़ देने की योजना के बीच पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने भारत पर वहां अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई की भी भारत का साथ देने के लिए आलोचना की है।

मुशर्रफ ने रविवार को सीएनएन से साक्षात्कार के दौरान कहा, “भारत निश्चित रूप से ऐसा कर रहा है और दुर्भाग्य से अफगान सरकार उसका साथ दे रही है।” मुशर्रफ से पूछा गया था कि क्या अफगानिस्तान में अपने प्रभाव के लिए पाकिस्तान व भारत संघर्ष कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “मैं जानता हूं कि राजनयिक, खुफिया अधिकारी, सैन्यकर्मी, सुरक्षाकर्मी प्रशिक्षण के लिए भारत जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि दूसरी ओर पाकिस्तान को ऐसा करने से रोका गया था।

मुशर्रफ ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति करजई से लोगों को प्रशिक्षण के लिए भारत की बजाए पाकिस्तान भेजने के लिए कहा था। उन्होंने कहा, “हमने अपने सभी प्रशिक्षण संस्थान निशुल्क खोल दिए थे। पाकिस्तान आईए और हम आपको प्रशिक्षित करेंगे लेकिन यहां कोई नहीं आया।”

उन्होंने कहा, “उनका खेल क्या है।” मुशर्रफ ने कहा कि अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान के वापसी के लिए 2014 की समय सीमा तय की गई है। इसे देखते हुए करजई भारत से नजदीकियां बढ़ा रहे हैं।

मुशर्रफ ने कहा कि वह कभी भी करजई पर विश्वास नहीं कर सकते लेकिन वह उनके एक पाकिस्तान समर्थित बयान के लिए उनके शुक्रगुजार हैं। करजई ने अमेरिका के पाकिस्तान पर हमले की आशंका को बेतुकी कल्पना कहकर खारिज कर दिया था।

हाल ही में करजई ने बयान में कहा था कि यदि अमेरिका ने पाकिस्तान पर हमला किया तो उनका देश पाकिस्तान का साथ देगा। इस सम्बंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इस तरह की कल्पना करना मूर्खतापूर्ण है।”

उन्होंने कहा कि करजई ने पहली बार पाकिस्तान-समर्थक वक्तव्य दिया है इसलिए वह उनके शुक्रगुजार हैं।

मुशर्रफ को नहीं लगता कि अमेरिकी सेनाओं के जाने के बाद करजई सत्ता में बने रहेंगे। उन्होंने कहा “मुझे लगता है कि यह बहुत मुश्किल होगा। बहुत-बहुत मुश्किल। वह जो कर रहे हैं उस वजह से ज्यादातर पश्तून उन्हें पसंद नहीं करते।”

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