वाशिंगटन ।। ईरान के केंद्रीय बैंक के खिलाफ प्रतिबंधों को अमेरिकी सीनेट ने सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है, जबकि अमेरिकी अधिकारियों ने आगाह किया था कि ऐसे कदम उलटे नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। 

बीबीसी के अनुसार, 100-शून्य मतों से पारित ये प्रतिबंध ईरानी केंद्रीय बैंक के साथ विदेशी बैंकों को कारोबार करने से रोकेंगे। इस मंजूरी के कानून बनने से पहले इसे सदन और राष्ट्रपति बराक ओबामा की मंजूरी की आवश्यकता होगी, जिस पर फिलहाल संदेह है। 

ईरान की कथित परमाणु महत्वाकांक्षा को ध्वस्त करने के लिए इस कदम से पहले गुरुवार को यूरोपीय संघ के नए प्रतिबंध लागू किए गए थे। 

इस बीच लंदन स्थित ईरानी दूतावास के राजनयिकों को शुक्रवार अपराह्न् तक ब्रिटेन छोड़ देना है। ईरान में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों द्वारा तेहरान स्थित ब्रिटिश दूतावास पर मंगलवार को किए गए हमले के बाद ईरानी राजनयिकों को ब्रिटेन छोड़ने के आदेश दिए गए थे।

राष्ट्रपति बराक ओबामा को कड़े प्रतिबंधों के प्रति सावधान किया गया है, क्योंकि आशंका इस बात की है कि इस तरह का कोई कदम आर्थिक अनिश्चितता के मौजूदा वातावरण में तेल बाजार में संकट पैदा कर सकता है। 

अमेरिकी अधिकारियों ने यह भी चेतावनी दी है कि वैश्विक बाजारों में ईरानी निर्यात पर रोक लगाने से तेल की कीमतें बहुत अधिक बढ़ सकती हैं। जिससे तेहरान को उलटे लाभ ही होगा। 

बहरहाल कोई सुलह का रास्ता निकलने तक ओबामा को यह निर्णय करना होगा कि प्रतिबंधों को वीटो के जरिए खारिज किया जाए या नहीं। अमेरिका ने पहले ही अपने बैंकों को ईरानी केंद्रीय बैंक के साथ सीधे कारोबार करने से रोक दिया था। 

डेमोक्रेट रॉबर्ट मेनेंडेज और रिपब्लिकन मार्क किर्क द्वारा तैयार किए गए नए प्रतिबंधों के तहत ईरान के केंद्रीय बैंक के साथ कारोबार करने वाले विदेशी बैंकों को अमेरिकी वित्तीय प्रणाली से अलग कर दिया जाएगा।

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