नई दिल्ली ।। भारत और चीन अगले साल संयुक्त सैन्य अभ्यास की योजना बना रहे हैं। चार माह पहले दोनों देशों के बीच सैनिक प्रतिनिधिमंडल के दौरे पर सहमति बनी थी, जिसके तहत दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधिमंडल ने एक-दूसरे के यहां दौरा किया। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर 14वें दौर की वार्ता भी होनी है। 

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि मध्य दिसम्बर में रक्षा मुद्दों पर दोनों देशों की वार्षिक वार्ता के दौरान संयुक्त सैन्य अभ्यास की योजना बनाई जाएगी और इसकी तिथि एवं इसके क्षेत्र तय किए जाएंगे।

यदि योजना पर अमल होता है तो यह दोनों देशों के बीच पिछले चार साल में पहला ऐसा अभ्यास होगा। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सैन्य आदान-प्रदान की शुरुआत इस साल अप्रैल में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के चीन दौरे के बाद हुई, जब वह ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन तथा दक्षिण अफ्रीका) सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीनी शहर सान्या गए थे।

इसके बाद भारत ने करीब एक साल बाद पहला सैन्य प्रतिनिधिमंडल चीन भेजा। जम्मू एवं कश्मीर में तैनात राष्ट्रीय राइफल्स के डेल्टा बल के कमांडर मेजर जनरल गुरमीत सिंह के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल इस साल जून में बीजिंग, शंघाई और उरुमकी भी गया।

इसके जवाब में पिछले सप्ताह चीन का एक सैन्य प्रतिनिधिमंडल भारत दौरे पर आया। चेंगदु मिलिट्री रीजन के तिब्बत के सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल लांग योलियांग के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल चार दिन के दौरे पर यहां रहा। इस प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली, कोलकाता, मुम्बई के सैन्य प्रतिष्ठानों का दौरा किया और अपने समकक्ष अधिकारियों से बातचीत की।

रक्षा वार्ता के अतिरिक्त दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर भी 14वें दौर की बातचीत होनी है, ताकि काफी समय से लम्बित सीमा विवाद को सुलझाया जा सके। सीमा विवाद पर बातचीत के लिए चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दाई बिंग्गुओ करेंगे, जबकि भारतीय दल की अगुवाई राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन करेंगे।

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