लंदन ।। उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग-इल का शनिवार को एक रेल यात्रा के दौरान अत्यधिक शारीरिक एवं मानसिक थकान के कारण निधन हो गया। वह 68 वर्ष के थे। यह जानकारी उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए ने सोमवार को एक रपट में दी है।

केसीएनए ने रपट में कहा है कि एक रेल यात्रा के दौरान अत्यधिक शारीरिक एवं मानसिक थकान के कारण किम जोंग-इल का 17 दिसम्बर, 2011 को सुबह साढ़े आठ बजे निधन हो गया।

किम का एक लम्बे समय तक हृदय की बीमारी का इलाज चला था। रेल यात्रा के दौरान उन्हें गम्भीर रूप से दिल का दौरा पड़ा।

रपट में कहा गया है कि दौरे के बाद प्राथमिक उपचार के यथासम्भव सभी तत्काल बंदोबस्त किए गए, लेकिन जोंग-इल को बचाया न जा सका। रपट में कहा गया है कि रविवार को पोस्टमार्टम से उनकी बीमारी की पूरी तरह पुष्टि हो गई।

किम के निधन की खबर आने के बाद सोमवार को दक्षिण कोरिया में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। दूसरी ओर अमेरिका भी दक्षिण कोरिया और जापान के साथ लगातार सम्पर्क में बना हुआ है और उसने कोरियाई प्रायद्वीप में स्थायित्व के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्ने ने एक बयान में कहा है, “किम जोंग-इल के निधन की रपट पर हम बराबर नजर रखे हुए हैं।”

केसीएनए द्वारा किम के निधन की रपट जारी किए जाने के तत्काल बाद दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली म्यंग-बाक ने एहतियाती उपायों पर चर्चा के लिए कैबिनेट मंत्रियों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की बैठक बुलाई। ली ने सम्भवत: सभी सरकारी कर्मचारियों को अत्यधिक सतर्क रहने का आदेश दिया है।

दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने सेना को अलर्ट कर दिया है और एक आपात बैठक बुलाई है।

सियोल स्थित समाचार एजेंसी, योनहैप के अनुसार, प्रशासन ने सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है, लेकिन अभी तक किसी असामान्य गतिविधि के बारे में कोई खबर नहीं है।

जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अधिकारी सम्भवत: रक्षा तैयारी और चौकसी स्तर, दोनों को बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। दक्षिण कोरियाई पुलिस ने भी सतर्कता बढ़ा दी है।

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्ने ने बयान में कहा है, “राष्ट्रपति बराक ओबामा को सूचित कर दिया गया है, और हम अपने सहयोगियों, दक्षिण कोरिया व जापान के साथ बराबर सम्पर्क में हैं।”

कार्ने ने कहा, “हम कोरियाई प्रायद्वीप में स्थिरता के लिए और अपने सहयोगियों की आजादी और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

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