माले (मालदीव) ।। मालदीव में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच भारत ने शनिवार को उसके साथ विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए छह समझौतों पर हस्ताक्षर किये। इनमें से दो समझौते आतंकवाद से मुकाबला करने और सजायाफ्ता कैदियों को सुपुर्द करने से सम्बंधित हैं। 

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के साथ एक घंटे से अधिक समय तक कई मुद्दों पर बातचीत की और व्यापार व विकास से लेकर आतंकवाद व जलवायु परिवर्तन से मुकाबला जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की। 

बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने विकास के लिए सहयोग पर एक ऐतिहासिक प्रारूप समझौते पर हस्ताक्षर किया। इस समझौते में सहयोग के नए द्वार खोलने की बातें शामिल हैं।

समझौते में व्यापार व निवेश, खाद्य सुरक्षा, मत्स्यपालन विकास, पर्यटन व परिवहन से लेकर सूचना प्रौद्योगिकी, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, संचार तथा हवाई एवं समुद्र के जरिए सम्पर्क बढ़ाने जैसे तमाम मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने की बात शामिल है।

मनमोहन सिंह ने क्षमता विकास के कई संस्थानों के लिए 10 करोड़ डॉलर के नए ऋण की भी घोषणा की। 

आतंकवाद से मुकाबले में सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए भारत ने एक पुलिस प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना का भी प्रस्ताव दिया तथा कोचीन और माले के बीच एक यात्री व माल परिवहन सेवा शुरू करने के प्रस्ताव में तेजी लाने का भी निर्णय लिया।

दोनों पक्षों ने माले के उत्तर में एक बंदरगाह विकसित करने की सम्भावना पर भी विचार करने का फैसला किया। 

दोनों नेताओं के बीच यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस द्वीपीय देश में चीन ने अपनी राजनयिक उपस्थिति बढ़ाने के लिए अपनी गतिविविधि बढ़ा दी है। 

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