माले ।। मालदीव की संसद को सम्बोधित करने वाले पहले विदेशी नेता के रूप में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को इस द्वीपीय देश के लोकतांत्रिक रूपांतरण में भारत की मदद की पेशकश की और क्षेत्र में आतंकवाद व लूट का मिलकर मुकाबला करने पर जोर दिया। 

मनमोहन सिंह ने अपने मालदीव दौरे के अंतिम दिन ‘पीपुल्स मजलिस’ में सांसदों से कहा, “पूर्ण रूप से क्रियान्वित लोकतंत्र के रूप में आपके रूपांतरण के लिए भारत आपके साथ है। हम प्रशिक्षण, नियम-कानून तैयार करने में तथा आपकी जरूरत पर अन्य कार्यो में आपकी मदद करेंगे।” 

अटल बिहारी वाजपेयी की 2002 की मालदीव यात्रा के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली मालदीव यात्रा है। 

लोकतांत्रिक रूपांतरण के लिए मालदीव की प्रशंसा करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि वह इस द्वीपीय देश की सुरम्यता और समझ देखकर अभिभूत हैं। मनमोहन सिंह पहली बार इस देश की यात्रा पर हैं।

मनमोहन सिंह ने कहा, “प्रकृति की गोद में इस तरह की शांति के बीच रहने वाले आप सभी लोग वाकई में धन्य हैं।” इसके साथ ही सिंह ने सहिष्णुता और इस्लाम धर्म के प्रति श्रद्धा की संस्कृति के लिए मालदीव की प्रशंसा की। 

मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत, हिंद महासागर क्षेत्र में कट्टरवाद, चरमवाद, आतंकवाद और लूट से मुकाबला करने के लिए एक सहकारी सुरक्षा प्रारूप के लिए काम करने हेतु मालदीव के साथ काम करेगा।

राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के साथ सुबह विकास के लिए सहयोग पर हुए ऐतिहासिक प्रारूप समझौते की प्रशंसा करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि इसने सहयोग के नए द्वार खोले हैं, जिसका आम जनता के जीवन पर व्यापक असर होगा। 

इसके पहले घोषित 10 करोड़ डॉलर के नए ऋण का जिक्र करते हुए मनमोहन सिंह ने क्षमता विकास के कई संस्थानों को भारत का समर्थन दोहराया।

मनमोहन सिंह ने ग्लोबल वार्मिग से मुकाबला करने में मालदीव को भारत का समर्थन दोहराया। दुनिया में सबसे निचले सतह पर स्थित इस देश के लिए ग्लोबल वार्मिग एक गम्भीर मुद्दा है, क्योंकि वैश्विक तापमान में एक या दो डिग्री वृद्धि होने की स्थिति में इसके जलसमाधि लेने का खतरा बना हुआ है।

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