अद्दू अतोल (मालदीव) ।। भारत ने गुरुवार को शैक्षिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों में कई कदम उठाए जाने की घोषणा करते हुए दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) की क्षमता निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। साथ ही उसने सदस्य देशों के बीच सम्पर्क, संचार और सूचना के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया। 

मालदीव में दक्षेस शिखर सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जिन कदमों की घोषणा की उनमें नई दिल्ली स्थित दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालयों में छात्रवृत्ति की संख्या 50 से बढ़ाकर 100 करना और देहरादून स्थित वानिकी अनुसंधान संस्थान में डॉक्टरेट की पढ़ाई शुरू करना शामिल है।

मनमोहन सिंह ने यह भी कहा कि क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत दक्षिण एशिया के शीर्ष पयर्टन संचालकों का एक सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित करेगा। इसके अलावा भारत पुरातत्विक महत्व के 100 स्थानों की एक यात्रा प्रदर्शनी की शुरुआत करेगा जिसकी मेजबानी सदस्य देश तीन महीनों के लिए अपने यहां के संग्रहालयों में करेंगे।

मनमहोन सिंह ने कहा कि दक्षेस सम्मेलन का केंद्र बिंदु ‘सम्पर्क निर्माण’ है जो वृहद क्षेत्रीय एकता की भावना को पूरी तरह से समाहित करता है और भारत इस उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने दक्षेस के आठ सदस्य देशों के बीच वायु, रेल और सड़क सम्पर्क बढ़ाए जाने पर जोर दिया।

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here