अद्दू (मालदीव) ।। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन शुक्रवार को मालदीव के अतोल द्वीप पर सम्पन्न हो गया।

सम्मेलन के अंतिम दिन दक्षेस के सदस्य देशों ने व्यापारिक उदारीकरण और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया।

साथ ही दक्षिण एशियाई देशों ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए एक त्वरित कार्रवाई बल कायम करने सहित कई उपायों की घोषणा की और क्षेत्रीय एकजुटता के अपने सपने को वास्तविकता में बदलते हुए दक्षेस बीज बैंक की स्थापना और व्यापार से जुड़े दो समझौते सहित चार करारों पर हस्ताक्षर किए।

नेताओं ने सम्मेलन के केंद्र बिंदु ‘सम्पर्क निर्माण’ में आस्था रखने का संकल्प लिया और हिंद महासागर में मालवाहक जहाजों और समुद्र यात्रा सेवा में तेजी लाने सहित क्षेत्रीय रेल और वाहन परियोजनाओं पर अगले वर्ष तक समझौता करने का निर्णय लिया। साथ ही उन्होंने बांग्लादेश, भारत और नेपाल के बीच शीघ्र ही एक मालवाहक रेलगाड़ी चलाने पर जोर दिया।

शिखर सम्मेलन के समापन अवसर पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने व्यापारिक अवरोधों को कम करने, निवेश को मजबूत बनाने और सम्पर्क बढ़ाने की प्रतिबद्धताओं सहित कई निर्णयों की घोषणा की।

इसके अलावा सदस्य देशों ने जलवायु परिवर्तन एवं अक्षय ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने का निर्णय लिया। साथ ही दक्षेस देशों ने आतंकवाद, अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराधों खासकर अवैध मादक पदार्थो, मानव और छोटे हथियारों की तस्करी और समुद्री लूट के खिलाफ अपनी लड़ाई का संकल्प दोहराया।

सम्मलेन की मेजबानी और अध्यक्षता करने वाले नशीद ने कहा, “यह सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार समझौते (साफ्टा) के मंत्री परिषद को संवेदनशील सूची एवं गैर-शुल्क अवरोधों में कटौती के निर्देश दिए जाएंगे।”

इसके अलावा नशीद ने भारत को साफ्टा के तहत अल्प विकसित देशों के लिए अपनी संवेदनशील वस्तुओं की सूची में कटौती करने के लिए भी धन्यवाद दिया।

ज्ञात हो कि भारत ने गुरुवार को अपनी संवेदनशील सूची की वस्तुओं की संख्या वर्तमान 480 से घटाकर 25 करने की घोषणा की।

दक्षेस नेताओं ने क्षेत्र में निवेश की और सम्भावनाएं तलाशने के लिए अपने वित्त मंत्रियों को भी निर्देश दिए। साथ ही नेताओं ने वर्ष 2012 में होने वाली दक्षेस मंत्रियों की परिषद की अगली बैठक से पहले एक रेल और वाहन से जुड़े समझौते को अंतिम रूप देने का फैसला किया।

नशीद ने घोषणा की कि वर्ष 2012 में नेपाल दक्षेस के 18वें शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

उल्लेखनीय है कि दक्षेस के 17वें शिखर सम्मेलन में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, भूटान, मालदीव और अफगानिस्तान के नेताओं ने हिस्सा लिया।

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