अद्दू अतोल (मालदीव) ।। भारतीय मछुआरों पर लगातार हो रहे हमलों के मुद्दे को सुलझाने के उद्देश्य से भारत और श्रीलंका गुरुवार को एक संयुक्त कार्यकारी समूह (जीडब्लूजी) बनाने पर सहमत हो गए। समूह की बैठक में इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों पर हमला नहीं किया जाएगा।

मालदीव में चल रहे 17वें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) शिखर सम्मेलन से इतर भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बीच द्विपक्षीय बैठक में यह फैसला लिया गया।

बातचीत के दौरान मनमोहन सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच जल सीमा हिसामुक्त होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के मछुआरों के संगठनों के बीच एक बैठक कर इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास किया जा सकता है।

दोनों नेताओं के बीच इस बात पर सहमति बनी कि जीडब्लूजी इस बात को सुनिश्चित करेगा कि भारतीय और उत्तरी श्रीलंका के मछुआरों के संगठन बातचीत के जरिए इस मुद्दे को हल करें।

दोनों नेताओं ने एलटीटीई और सेना के बीच हुए संघर्ष के दौरान विस्थापित हुए तमिलों के त्वरित पुनर्वास के मुद्दे पर भी चर्चा की।

राजपक्षे ने मनमोहन सिह को बताया कि अभी भी लगभग 7,000 (आंतरिक रूप से विस्थापित) लोग अपने पुनर्वास का इंतजार कर रहे हैं और इसके लिए जल्द से जल्द पर्याप्त कदम उठाए जाएंगे।

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