इस्लामाबाद ।। पाकिस्तानी सेना ने उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) द्वारा हवाई हमले पर जताए गए खेद को नामंजूर करते हुए चेतावनी दी है कि इसके गम्भीर परिणाम हो सकते हैं। इस हवाई हमले में 25 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। 

‘जियो न्यूज’ द्वारा जारी रपट के अनुसार, सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल अतहर अब्बास ने कहा है कि नाटो द्वारा व्यक्त खेद उन्हें मंजूर नहीं है और इस कार्रवाई के गम्भीर परिणाम हो सकते हैं।

जनरल अब्बास ने कहा कि हमले को लेकर नाटो द्वारा जताया गया खेद पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षो के दौरान घटीं इस तरह की घटनाओं में 72 सैनिक मारे जा चुके हैं और 250 घायल हुए हैं।

ज्ञात हो कि शनिवार तड़के अफगानिस्तान सीमा के पास मोहमंद कबायली इलाके में एक सीमावर्ती चौकी पर अफगानिस्तान की तरफ से आए नाटो के हेलीकॉप्टरों द्वारा किए गए हमले में 25 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे और 15 अन्य घायल हो गए थे। इस्लामाबाद ने त्वरित प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए पाकिस्तान के रास्ते होकर अफगानिस्तान स्थित नाटो नेतृत्व वाले अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल (आईएसएएफ) के लिए जाने वाली आपूर्ति बंद करने का निर्णय लिया। 

नाटो महासचिव एंडर्स फॉग रास्मुसेन ने रविवार को कहा कि नाटो का यह हवाई हमला जानबूझ कर नहीं किया गया था, जिसमें दर्जनों पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे।

उनके हवाले से जारी एक बयान में कहा गया है, “यह एक त्रासद, गैरइरादतन घटना थी। मैं आईएसएएफ द्वारा की जा रही जांच का पूरी तरह समर्थन करता हूं। हम घटना की तह तक जाएंगे, और इससे सही सबक लेंगे।”

रेस्मुसेन ने कहा कि इस खेदजनक घटना के बाद उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि पाकिस्तानी सैनिकों की मौतें “उसी तरह अस्वीकार्य और खेदजनक है, जिस तरह अफगान और अंतर्राष्ट्रीय सैनिकों की मौतें।” 

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