ओस्लो, Hindi7.com ।। शुक्रवार को नार्वे दहल उठा। पहले तो इस देश की राजधानी ओस्लो में विस्फोट हुआ और बाद में उटोइया द्वीप पर भारी गोलीबारी की गई। इस पूरे आतंकी घटनाक्रम में अब तक 87 लोगों की जान जा चुकी है। ओस्‍लो में हुए धमाके के कारण 7 लोग मारे गए। यह धमाका प्रधानमंत्री दफ्तर के पास हुआ। इसके कुछ ही देर बाद ओस्‍लो से कुछ ही दूर उटोइया द्वीप पर पुलिस की पोशाक में एक व्यक्ति ने लेबर पार्टी के यूथ कैंप में हिस्सा ले रहे युवकों पर अंधाधुंध फायरिंग की। इस फायरिंग में 80 लोगों को अपने जान से हाथ धोना पड़ा।

सबसे पहले धमाका ओस्लो की एक 17 मंजिली इमारत [सिटी सेंटर] के पास हुआ। इस इमारत में नॉर्वे के प्रधानमंत्री का दफ्तर है। विस्फोट के समय नार्वे के प्रधानमंत्री जेंस स्टोलटेनबर्ग अपने ऑफिस में नहीं थे। धमाका इतना जबर्दस्त था कि इमारत की सारी खि़ड़कियां टूट गईं। बाद में नॉर्वे की सेना ने इस सिटी सेंटर को अपने कब्जे में ले लिया।

स्थानीय समय के अनुसार यह धमाका शुक्रवार के दोपहर साढ़े तीन बजे के करीब हुआ। इस इमारत में प्रधानमंत्री कार्यालय के अलावा वित्त मंत्रालय, सबसे बड़े टैब्लॉइड न्यूज पेपर [वीजी] वेड्रेंस गैंग के ऑफिस हैं। इसके अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालयों और मीडिया कंपनियों के भी कार्यालय हैं।

यह विस्फोट आतंकी हमला था या नहीं, इस पर संदेह बरकरार है। विस्फोट वाली बिल्डिंग के बाहर एक कार मिली है। माना जा रहा है कि विस्फोटक पदार्थों को इसी कार में रखा गया होगा। अंतिम सूचना मिलने तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है।

ओस्लो में हुए धमाके के दो घंटे बाद राजधानी से 40 किलोमीटर दूर पश्चिम में मौजूद उटोइया द्वीप पर पुलिस की पोशाक में एक व्यक्ति ने लेबर पार्टी के यूथ कैंप में हिस्सा ले रहे युवकों पर अंधाधुंध फायरिंग की। हमला करने वाले के हाथ में पिस्तौल और टेलीस्कोप लगी राइफल देखी गई। हमलावर नॉर्वे की ही भाषा बोलता है।

इस बीच नॉर्वे पुलिस ने फायरिंग करने वाले संदिग्ध हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है। इसका नाम आंद्रे बेहरिंग ब्रिविक [32] बताया जा रहा है। यह शख्स नॉर्वे का ही रहने वाला है। पुलिस को संदेह हा कि आंद्रे दक्षिणपंथी विचारधारा के संपर्क में है। पुलिस के मुताबिक, इस शख्स को धमाके और फायरिंग, दोनों ही जगहों पर देखा गया था।

नॉर्वे की सरकार दोनों हमलों के बाद एक आपात बैठक कर रही है। प्रधानमंत्री जेंस स्टोलटेनबर्ग ने इन हमलों को बेहद गंभीर बताते हुए कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ नार्वे की लड़ाई जारी रहेगी।

नार्वे के प्रधानमंत्री जेंस स्टोलटेनबर्ग सुरक्षित हैं

सरकारी प्रवक्ता कैमिला रिस्टे के अनुसार, प्रधानमंत्री जेंस स्टोलटेनबर्ग सुरक्षित हैं। दो केंद्रीय मंत्रियों ने भी इसकी पुष्टि की है कि विस्फोट के समय प्रधानमंत्री अपने कार्यालय में नहीं थे।

क्या कहना है प्रत्यक्षदर्शी ओले टॉमी पेडेरसेन का ?

विस्फोट की घटना के प्रत्यक्षदर्शी ओले टॉमी पेडेरसेन ने कहा कि मैं पास के बस स्टॉप पर खड़ा था। तभी 20 मंजिली सिटी सेंटर व सरकारी बिल्डिंग से धुआं निकलते हुए देखा। फिर तीन-चार घायल लोग बाहर आए। पास ही के नॉर्वे के प्रमुख अखबारों के दफ्तर भी खाली कराए जा रहे थे।

नार्वे भी है आतंकवाद के निशाने पर

ओस्लो विस्फोट ऐसे समय में हुआ है, जबकि अल कायदा यूरोप में लगातार हमला करने की धमकी दे रहा है। अल कायदा से संबंध रखने के आरोप में दो लोगों को नार्वे की जेल में रखा गया है। नॉर्वे की खुफिया एजेंसी पीएसटी के प्रमुख जैने क्रिश्चिनसेन ने भी फरवरी में कहा था कि देश में इस्लामिक आतंकवाद को बढ़ावा मिलने का खतरा है। 

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