वाशिंगटन ।। पाकिस्तान से अमेरिका भेजे गए गुप्त संदेश को उजागर करने वाले मंसूर एजाज ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, इंटर-सर्विसेस इंटेलिजेंस (आईएसआई) सरकार के नियंत्रण में नहीं है और यह अफगानिस्तान के राजनीतिक मामलों में दखल दे रही है। 

पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी, एजाज ने सीएनएन के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि पाकिस्तान में चुनाव परिणामों के साथ छेड़छाड़ कर राजनीतिक मंच तैयार करने में खुफिया एजेंसी की संलिप्तता के पक्ष में पर्याप्त सबूत उपलब्ध हैं। एजाज ने कहा कि आईएसआई हक्कानी नेटवर्क के जरिए अफगानिस्तान के राजनीतिक मामलों में भी दखल दे रही है।

एजाज ने कहा, “आईएसआई में दो महत्वपूर्ण शाखाएं हैं। एक शाखा को ‘सी टी’ कहते हैं, जो आतंकवाद निवारण के लिए है, और दूसरी शाखा रणनीतिक है, जिसे ‘एस’ कहते हैं। आईएसआई की ये दोनों शाखाएं दूसरे देशों में राजनीतिक हस्तक्षेपों से लेकर सबकुछ करती हैं। जैसे कि अफगानिस्तान में वे हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के जरिए यह काम कर रही हैं।”

एजाज ने कहा, “वे खुद अपने देश में ढेर सारे राजनीतिक हस्तक्षेप करती हैं। आपको पता होगा कि अतीत में पाकिस्तानी प्रेस द्वारा कई बार ऐसी प्रामाणिक एवं आधिकारिक खबरें जारी की गई थी कि ‘एस’ शाखा चुनावी जोड़तोड़ में लिप्त है और पाकिस्तान के अंदर इस तरह की गतिविधियों में सक्रिय है।”

एजाज ने आगे कहा, “इस तरह यह राज्य का एक ऐसा अंग है, जिस पर कोई भी नियंत्रण नहीं रख सकता। महत्वपूर्ण बात यह कि यह एक ऐसा अंग है, जिसे सेना और खुफिया एजेंसियां समन्वय स्थापित करने या बाधा डालने के लिए इस्तेमाल कर रही हैं। वह काम, जोकि पाकिस्तान में सरकार का राजनीतिक पक्ष, और सरकारों का नागरिक पक्ष करता है।”

गुप्त संदेश का खुलासा करने वाले उनके लेख के प्रभाव के बारे पूछे जाने पर, एजाज ने कहा, “मेरे विचार से हमारे पूरे जीवन में वह समय कभी नहीं आएगा, जब सेना नागरिक सरकार के अधीन होगी। यह बदलाव होने में 30, 40 वर्ष लग सकते हैं।”

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