दक्षिण एशिया का एक सबसे खूंखार आतंकवादी मसूद अजहर फिर से सक्रिय हो गया है और वह आतंकवादियों की नियुक्ति व आतंकवाद को बढ़ावा देने में जुट गया है। इस बात की पूरी आशंका है कि उसका निशाना भारत ही है।

पाकिस्तान के एक प्रमुख समाचार पत्र ‘द न्यूज’ ने बुधवार को ‘मसूद अजहर ऑफ जैश बैक इन बिजनेस’ (जैश का मसूद अजहर फिर सक्रिय हुआ) शीर्षक से प्रकाशित एक रपट में कहा है, “जैश-ए-मोहम्मद का खूंखार मौलाना मसूद अजहर फिर सक्रिय हो गया है और उसने पाकिस्तान में आतंकवादियों की भर्ती और धन जुटाने की गतिविधियां फिर से शुरू कर दी है। उसने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता में प्रगति हुई है।”

जानकार आतंकवादी सूत्रों के हवाले से अखबार ने लिखा है, “मौलाना मसूद अजहर बहावलपुर लौट चुका है और मॉडल टाउन इलाके में जैश के मुख्यालय को सक्रिय कर उसने अपनी जिहादी गतिविधियों को फिर से शुरू कर दिया है। जैश का यह मुख्य केंद्र खुलेआम एक बड़े मजहबी मदरसे (उस्मान-ओ-अली) का संचालन करता है, जहां सैकड़ों बच्चों को इस्लाम की चरमपंथी व्याख्या पढ़ाई जाती है।”

लाहौर से जारी हुई इस रपट में कहा गया है कि भारत की ओर से प्रत्यर्पण के लिए पड़ रहे भारी दबाव के बाद मसूद अजहर ने बहावलपुर के मॉडल टाउन स्थित अपने मुख्यालय को वहां से हटाकर अस्थायी रूप से दक्षिण वजीरिस्तान स्थित अपने गढ़ में स्थानांतरित कर दिया था।

मसूद अजहर ने अन्य दो आतंकवादियों के साथ मिलकर फरवरी 2000 में जैश की स्थापना की थी। अजहर को इंडियन एयरलाइंस की उड़ान संख्या आईसी 814 में सवार यात्रियों व चालक दल के सदस्यों की रिहाई के बदले जम्मू की एक जेल से दिसम्बर 1999 में छोड़ा गया था। इस विमान को आतंकवादियों ने अगवा कर लिया था और वे उसे अफगानिस्तान में कंधार लेकर चले गए थे।

अजहर ने ही जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा पर अक्टूबर 2001 में हुए हमले को प्रायोजित किया था। उसके संगठन ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर 13 दिसम्बर, 2001 को भारतीय संसद भवन पर हमले को अंजाम दिया था।

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