कराची ।। पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कहलाने वाली कराची शहर में हो रही लगातार हिंसा के खिलाफ यहां की मुख्य राजनीतिक पार्टी मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट [एमक्यूएम] द्वारा बीते मंगलवार को शोक दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया गया था, जिसे लोगों का व्यापक समर्थन मिला है। पूरा दिन कराची शहर खामोश रहा।

इस हड़ताल का कराची में व्यापक असर पड़ा है। सभी बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन भी बंद रहा।

नकाब पहने लोगों ने सड़कों पर अवरोध खड़ा किया और वाहनों पर हमला भी किया। पिछले सप्ताह से अब तक यहां लगभग 100 लोग मारे गए हैं, जबकि जुलाई से अब तक 300 लोगों की मौत हो चुकी है।

मंगलवार को भी हिंसा में छह लोग मारे गए। स्थानीय व्यापार संगठनों का कहना है कि शहर में हिंसा का व्याप्त होना अधिकारियों की विफलता है। उन्होंने शहर में सेना को तैनात किये जाने की मांग की है।

इस महीने के शुरू में एमक्यूएम ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी [पीपीपी] की अगुआई वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। पार्टी ने पीपीपी पर आरोप लगाया था कि वह हिंसा रोकने में विफल रही है।

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