तेल अवीव ।। इजरायल ने फिलीस्तीनी नेशनल अथॉरिटी (पीएनए) को पूर्ण सदस्यता देने के यूनेस्को के निर्णय को स्वीकार करने से इंकार कर दिया है। इसके साथ ही इजरायल ने जवाबी कदम उठाने की चेतावनी भी दी है।

समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के अनुसार, इजरायली विदेश मंत्रालय ने यूनेस्को में फिलीस्तीन की सदस्यता को सोमवार को ‘एकतरफा दुस्साहस’ बताया, और कहा कि इससे अरब-इजरायल शांति वार्ता को खतरा पैदा हो जाएगा।

इजरायली विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि इस निर्णय से फिलीस्तीनी अथॉरिटी को वैधानिक राज्य का दर्जा तो नहीं मिलेगा, अलबत्ता वार्ता बहाली के रास्ते में यह एक अतिरिक्त रोड़ा ही बनेगा।

तेल अवीव ने इस बात की भी चेतावनी दी है कि वह आगे यूनेस्को के साथ सहयोग करने के अपने रुख पर विचार करेगा।

अमेरिका ने भी सोमवार को इसके पहले चेतावनी दी थी कि वह इस कदम के जवाब में संगठन को आर्थिक सहायता बंद कर देगा।

यूनेस्को में फिलीस्तीन को सदस्यता ऐसे समय में मिली है, जब एक महीने पूर्व उसने संयुक्त राष्ट्र में पूर्ण सदस्यता के लिए आवेदन किया था। लेकिन बाद में अमेरिका ने वीटो के जरिए फिलीस्तीन की इस कोशिश को नाकामयाब कर दिया था।

फिलीस्तीनी विदेश मंत्री रियाद अल-मालकी ने कहा कि यूनेस्को की सदस्यता संयुक्त राष्ट्र में सदस्यता की कोशिश से सम्बंधित नहीं है।

अल-मालकी ने कहा, “यूनेस्को में हमारा प्रवेश एक ऐसी प्रक्रिया है, जो 22 वर्षो में पूरी हुई है। हमने यह प्रक्रिया 1989 में शुरू की थी। हमारे दूत ने इसके लिए हर वर्ष अनुरोध किए और आज हम अपनी कोशिशों के परिणाम देख सकते हैं।”

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