इस्लामाबाद ।। पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा है कि इस्लामाबाद अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता चाहता है, लेकिन उसने बॉन सम्मेलन का बहिष्कार इसलिए किया क्योंकि वह अपनी सम्प्रभुता के महत्व को सुनिश्चित कराना चाहता है।
विदेश विभाग के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने पाकिस्तान टेलीविजन से सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान से लगी सीमा पर स्थित दो पाकिस्तानी चौकियों पर उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के हमले में हुई 24 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत ने बॉन सम्मेलन से दूर रहने के लिए पाकिस्तान को मजबूर कर दिया।
ज्ञात हो कि 100 से अधिक देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि युद्धग्रस्त अफगानिस्तान के भविष्य का एक खाका तैयार करने के लिए सोमवार को जर्मनी के बॉन शहर में जमा हुए। यह सम्मेलन अफगानिस्तान के समर्थन में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को खड़ा करने पर केंद्रित था। लेकिन पाकिस्तान ने नाटो हमले के विरोधस्वरूप इस सम्मेलन का बहिष्कार किया।
बासित ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा अफगानिस्तान में स्थिरता चाहता है। समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (एपीपी) ने बासित के हवाले से कहा है, “पाकिस्तान एक शांतिपूर्ण अफगानिस्तान देखना चाहता है, लेकिन 26 नवम्बर की घटना के बाद, जिसमें नाटो बलों ने सीधे देश की सम्प्रभुता पर हमला किया था, हमारे लिए इस सम्मेलन में हिस्सा ले पाना असम्भव हो गया था।”
बासित ने कहा, “हमने इस क्षेत्र में शांति स्थापना के लिए पाकिस्तान के साथ एक संयुक्त आयोग बनाया था और अफगानिस्तान में परिणाम केंद्रित सुलह देखने की पाकिस्तान की अटूट इच्छा थी।”