वाशिंगटन ।। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ‘घृणित चरित्र’ वालों से सम्बंध बनाए रखने के लिए पाकिस्तान की निंदा करते हुए कहा
कि इस्लामाबाद को अफगानिस्तान में गड़बड़ी पैदा करने से बाज आना चाहिए और भारत के प्रति शांतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
ओबामा ने व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “वे महसूस करते हैं कि आजाद अफगानिस्तान से उनके सुरक्षा हितों को खतरा हो जाएगा, क्योंकि वे समझते हैं कि अफगानिस्तान भारत के साथ सम्बंध स्थापित करेगा, और पाकिस्तान अभी भी भारत को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है।”
ओबामा ने कहा, “हम जो कुछ करना चाहते हैं उसका एक हिस्सा पाकिस्तान को वास्तव में यह महसूस कराना है कि भारत के प्रति शांतिपूर्ण दृष्टिकोण हर किसी के हित में होगा और पाकिस्तान के विकास में वास्तव में मददगार ही होगा।”
ओबामा ने पाकिस्तान को इस बात के लिए फटकार लगाई कि वह अफगानिस्तान में आतंकवादियों को इसलिए समर्थन दे रहा है, ताकि वे अमेरिकी के नेतृत्व वाली अंतर्राष्ट्रीय सेना की 2014 के अंत में होने वाली वापसी के बाद वहां भारत को अपना प्रभाव बढ़ाने से रोक सकें। ओबामा ने कहा, “मैं समझता हूं कि वे अपनी मर्जी का अफगानिस्तान बनाने के लिए अपने दांव लगा रहे हैं।”
ओबामा ने कहा, “उनके इस दांव का एक हिस्सा कुछ ‘घृणित चरित्र’ वालों से सम्पर्क रखना है, जो यह सोचते हैं कि गठबंधन सेना की वापसी के आद वे अफगानिस्तान पर फिर से कब्जा कर लेंगे।”
ओबामा द्वारा इस्तेमाल किया गया शब्द ‘घृणित चरित्र’, स्पष्टरूप से तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के लिए है, जिनके नेता उस तालिबान प्रशासन में अपनी सेवाएं दे रहे थे, जिसे अमेरिका के नेतृत्व में 2001 में हुए हमले के बाद सत्ताच्युत होना पड़ा था।
ओबामा की यह टिप्पणी एक प्रश्न के जवाब में आई है, जिसमें पूछा गया था कि क्या वह जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के तत्कालीन चेयरमैन एडमिरल माइक मुलेन के विचार से सहमत हैं, जिन्होंने पिछले महीने हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेस इंटेलिजेंस (आईएसआई) की एक वास्तविक शाखा बताया था।
ओबामा ने कहा, “हमने पाकिस्तान को यह समझाने की कोशिश की है कि स्थिर अफगानिस्तान, पाकिस्तान के हित में है। लिहाजा उन्हें एक स्थिर, आजाद अफगानिस्तान से भय नहीं महसूस करना चाहिए।”