संयुक्त राष्ट्र ।। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह संयुक्त राष्ट्र में अपने सम्बोधन से पहले शुक्रवार को कूटनीतिक कार्यक्रमों में व्यस्त रहे। सिंह अपने सम्बोधन में आतंकवाद, आर्थिक मंदी और फिलीस्तीन के मुद्दे को रेखांकित करेंगे।

मनमोहन सिंह पांच दिवसीय अपने न्यूयार्क प्रवास के दौरान पांच द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेंगे। वह यहां गुरुवार अपराह्न् पहुंचे हैं।

मनमोहन सिंह शुक्रवार सुबह जापान के नए प्रधानमंत्री योशिको नोडा से मुलाकात के बाद ईरानी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद, श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे और नेपाली राष्ट्रपति बाबूराम भट्टराई से मुलाकात करेंगे।

वह दक्षिण सूडान के राष्ट्रपति सेल्वा कीर मेयार्डिट से भी मुलाकात करेंगे। दक्षिण सूडान हाल ही में नया देश बना है और उसने संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता प्राप्त की है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरदीप सिंह पुरी ने मीडिया से कहा कि वह इस दौरे के दौरान मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच मुलाकात न होने के मुद्दे को अधिक तूल न दें।

पुरी ने कहा कि मनमोहन सिंह के पहुंचने से पहले ही ओबामा न्यूयार्क से जा चुके थे। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ समयबद्धता का एक मुद्दा था।” उन्होंने कहा कि लेकिन दोनों नेता नवम्बर में कांस में होने जा रहे जी-20 शिखर बैठक में मौजूद रहेंगे और मनमोहन सिंह के पास वहां तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय बैठकों के दौरान ओबामा तथा ब्रिटेन और फ्रांस के नेताओं से मिलने के कई मौके होंगे।

इस बीच विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा ने गुरुवार को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के विदेश मंत्रियों की एक बैठक में तथा अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस के गठन की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित एक संगोष्ठी में हिस्सा लिया।

कृष्णा ने नस्लवाद एवं विद्वेष के खिलाफ लड़ाई में दक्षिण अफ्रीका के योगदान पर आयोजित संगोष्ठी में कहा, “यह सदी एशिया और अफ्रीका की है।”

कृष्णा ने कहा, “भारत और अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस के स्वतंत्रता सेनानियों ने जिस नई सुबह का सपना देखा था, उसे साकार करने की जिम्मेदारी हमारे ऊपर है। आजादी की यात्रा में हमने एकसाथ कदम बढ़ाए हैं। और आज भी हमें इस यात्रा को अपने दोनों देशों और पूरी दुनिया के बेहतर भविष्य के लिए जारी रखना है।”

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