नई दिल्ली, Hindi7.com ।। अमेरिकी क्रेडिट का दर्जा घटाने वाली “क्रेडिट रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड ऐंड पुअर्स” [एसऐंडपी] ने कहा है कि भारत, मलयेशिया और जापान सहित कई अन्य देशों के क्रेडिट का स्तर भी नीचे किया जा सकता है।

एजेंसी का कहना है कि ये देश 2008 की मंदी के प्रभावों से अभी तक पूरी तरह नहीं उबर सके हैं। एशिया प्रशांत क्षेत्र की सरकारों पर अपनी ताजा रिपोर्ट में एसऐंडपी ने कहा है कि इस क्षेत्र के देशों के क्रेडिट कम होने का कुप्रभाव इस बार पहले से कहीं ज्यादा होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया-प्रशांत में सरकारों की कर्ज संबंधी क्रेडिट पर प्रभाव पहले की तुलना में अधिक होगा और इस सिलसिले में तमाम नकारात्मक कदम उठाये जा सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जापान, भारत, मलयेशिया, ताइवान और न्यूजीलैंड की सरकारों की वित्तीय हालत पतली हुई है। इन देशों की वित्तीय दशा को 2008 के संकट के पहले की स्थिति की तुलना में खराब बताया गया है।

गौरतलब है कि 2008 के वैश्विक आर्थिक मंदी के समय भारत सहित तमाम देशों को अपनी अर्थव्यवस्था की गति संभालने के लिए कई प्रोत्साहन पैकेज जारी करने पड़े थे। इन प्रोत्साहनों के तहत सरकारी व्यय में वृद्धि की गई, ब्याज सस्ता किया गया और कर की दरें भी कम कर दी गई थीं।

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