जेनेवा ।। रूस को शुक्रवार को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शामिल कर लिया गया। रूस काफी अर्से से इस संगठन की सदस्यता पाने के लिए प्रयासरत था। रूस की इस उपलब्धि पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रूसी राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव को फोन कर उन्हें बधाई दी।

समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के अनुसार, डब्ल्यूटीओ से जुड़ने सम्बंधी संधि पत्र पर रूस की तरफ से आर्थिक विकास मंत्री, एलविरा नाबिउलिना और डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक पास्कल लेमी ने हस्ताक्षर किए। रूसी उपप्रधानमंत्री इगोर शुवालोव, स्विट्जरलैंड की राष्ट्रपति मिशेलिन केमी-रे, और डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों के मंत्री इस मौके पर मौजूद थे।

रूस 1993 से ही डब्ल्यूटीओ से जुड़ने की कोशिश कर रहा था। इस संगठन में प्रवेश के रूस के रास्ते में अंतिम रोड़ा जार्जिया रहा। अगस्त 2008 में रूस और जार्जिया के बीच हुए संक्षिप्त युद्ध के बाद से ही जार्जिया रूस के डब्ल्यूटीओ में शामिल होने का विरोध कर रहा था। रूस और जार्जिया में यह युद्ध जार्जिया द्वारा दक्षिण ओसेतिया पर हमला किए जाने के दौरान हुआ था।

इस युद्ध के बाद रूस ने दक्षिण ओसेतिया की आजादी और एक अन्य पूर्व जार्जिया गणराज्य, अबखाजिया की आजादी को मान्यता दे दी थी।

शुक्रवार को पहले डब्ल्यूटीओ के मंत्रियों की बैठक में डब्ल्यूटीओ से जुड़ने से सम्बंधित रूस के सभी दस्तावेजों को मंजूरी दी गई। इन दस्तावेजों में वस्तुओं एवं सेवाओं की बाजार तक पहुंच सुनिश्चित कराने की वचनबद्धता भी शामिल थी।

रूस द्वारा इस संधि को मंजूरी दिए जाने के 30 दिनों के भीतर यह डब्ल्यूटीओ के सभी अधिकारों और जिम्मेदारियों के साथ इस अंतर्राष्ट्रीय संगठन का एक पूर्ण सदस्य बन जाएगा। सम्भवत: यह स्थिति 2012 के गर्मी तक अपने अंतिम निष्कर्ष तक पहुंच जाएगी।

राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार को ही राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव को फोन किया और रूस के डब्ल्यूटीओ का हिस्सा बनने पर उन्हें बधाई दी।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, व्हाइट हाउस से जारी एक बयान में कहा गया है, “राष्ट्रपति ओबामा ने रूसी राष्ट्रपति मेदवेदेव से आज बात की और डब्ल्यूटीओ से जुड़ने के लिए रूस को एक औपचारिक निमंत्रण प्रेषित करने के डब्ल्यूटीओ के निर्णय पर उन्हें बधाई दी।”

बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने विश्व व्यापार संगठन में रूस के प्रवेश को द्विपक्षीय सम्बंधों में सुधार का एक और परिणाम बताया। बयान में कहा गया है कि इससे दोनों देशों को लाभ होगा।

बयान में आगे कहा गया है, “डब्ल्यूटीओ में रूस की सदस्यता से टैरिफ्स नीचे जाएंगे, रूस के सेवा बाजारों में पहुंच बढ़ेगी, व्यापार आचरण पर नियंत्रण रखने वाली नियम प्रणाली के प्रति रूसी सरकार जवाबदेह होगी, और उन नियमों को लागू करने के लिए साधन मुहैया कराएगी।”

व्हाइट हाउस ने यह भी कहा है कि डब्ल्यूटीओ में रूस की सदस्यता से अमेरिकी विनिर्माताओं और किसानों के लिए निर्यात के अधिक अवसर पैदा होंगे।

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