मेलबर्न ।। आस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड की भारत को यूरेनियम निर्यात करने को लेकर लगे प्रतिबंधों को हटाने की योजना का वामपंथी धड़ा आलोचना कर रहा है। 

इस बीच गिलार्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि वह ‘गतिशील और लोकतांत्रिक भारत’ के साथ मजबूत सम्बंध बनाना चाहती हैं।

समाचार पत्र ‘द एज’ में मंगलवार को छपी एक रपट के मुताबिक जूलिया ने कहा, “सत्ताधारी लेबर पार्टी को अपनी नीतियों को आधुनिक बनाने के साथ गतिशील और लोकतांत्रिक भारत के साथ अच्छे सम्बंध बनाने की आवश्यकता है।”

लेबर पार्टी के सीनेटर डॉग कैमरन ने एबीसी रेडियो से बातचीत के दौरान मंगलवार को कहा कि गिलार्ड का यह कदम सही नहीं होगा।

वामपंथी धड़े के संयोजक सीनेटर कैमरन ने यह भी कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि यूरेनियम बेचे जाने से पहले आस्ट्रेलिया ने चीन को परमाणु अप्रसार संधि (एनएनपीटी) पर हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य किया था।

कैमरन ने कहा, “चीन के साथ इस तरह के प्रयोग किए गए थे और भारत के लिए हम उन मानदंडों को बदल रहे हैं।”

वामपंथी धड़े और सहयोगी दल ग्रीन पार्टी द्वारा जूलिया गिलार्ड के इस बयान की आलोचना किए जाने की सम्भावना है। भारत को यूरेनियम बेचे जाने को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सम्बंधों के बीच एक बड़ा रोड़ा माना जाता रहा है।

आस्ट्रेलिया की व्यापार और राजनीतिक मजबूरियों के बावजूद लेबर पार्टी का वामपंथी धड़ा यह चाहता है कि भारत के खिलाफ यह प्रतिबंध जारी रहे।

गौरतलब है कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान गिलार्ड भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिली थीं। इस दौरान उनकी पार्टी के कई सदस्यों ने भारत के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने का आग्रह किया था।

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