इस्लामाबाद ।। पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने शनिवार को कहा कि भारत के साथ संवाद प्रक्रिया में पाक सेना एक घटक है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस्लामाबाद ने भारत को ‘सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र’ (एमएफएन) का दर्जा दिया है।

खार ने लाहौर में मीडियाकर्मियों से कहा कि भारत को एमएफएन दर्जा की मंजूरी संघीय मंत्रिमंडल ने इस भरोसे के साथ दी है कि भारत संवाद प्रक्रिया के हिस्से के रूप में गैर शुल्क अवरोधों को हटा देगा।

समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (एपीपी) द्वारा जारी रपट के अनुसार खार ने भारत के साथ विश्वास बहाली के उपायों के संदर्भ में कहा कि नई दिल्ली ने इस्लामाबाद को आश्वस्त किया है कि वह यूरोपीय संघ की तरजीही बाजार सम्पर्क प्रक्रिया में पाकिस्तान के रास्ते में रोड़ा नहीं बनेगा, जैसा कि उसने अतीत में किया था।

उल्लेखनीय है कि खार का बयान प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के उस बयान के बाद आया है, जिसमें गिलानी ने कहा था कि मंत्रिमंडल ने एमएफएन पर वार्ता आगे बढ़ाने की सिर्फ सैद्धांतिक मंजूरी दी है।

भारत ने 1996 में ही पाकिस्तान को एमएफएन दर्जा दे दिया था, जबकि चार दिनों पहले पाकिस्तान की सूचना मंत्री फिरदौस अवान ने पाकिस्तान द्वारा भारत को एमएफएन दर्जा दिए जाने की घोषणा की।

खार ने कहा कि भारत के साथ संवाद प्रक्रिया में सेना एक घटक है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ सम्बंध सुधारने के विचार का सभी संस्थानों ने समर्थन किया है।

कश्मीर के संदर्भ में खार ने कहा कि पाकिस्तान, भारत के साथ संवाद केंद्रित परिणाम चाहता है। देश ने संवाद प्रक्रिया के दौरान उम्मीद से अधिक उपलब्धि हासिल की है।

खार ने आगे कहा कि क्षेत्र में स्थिरता पाकिस्तान के लिए प्राथमिक महत्व का है, क्योंकि पड़ोसी देशों के साथ सम्बंध निर्माण में पाकिस्तान की सक्रिय भूमिका रही है।

खार ने कहा, “तुर्की, अफगानिस्तान और भारत जैसे देशों के साथ रिश्ते को बढ़ावा देना और आर्थिक तथा राजनीतिक सम्बंधों को बढ़ाना देश की विदेश नीति का प्रमुख तत्व है।”

खार ने सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान की सदस्यता को एक उपलब्धि बताते हुए कहा कि इससे यह धारणा गलत साबित हो गई है कि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर दिया गया है।

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