ढाका ।। तीस्ता नदी जल विवाद को सुलझाने के उद्देश्य से भारत और बांग्लादेश के बीच तीस्ता में जल उपलब्धता पर दोनों देशों के बीच आंकड़ों का आदान-प्रदान किया जाएगा।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के छह-सात सितम्बर को ढाका दौरे के समय दोनों देशों के बीच तीस्ता नदी जल बटवारे पर समझौता नहीं हो सका था।

समाचार पत्र ‘डेली स्टार’ के मुताबिक बंग्लादेश भारत से तीस्ता नदी में जल उपलब्धता पर 15 वर्षों के आंकड़ों की मांग करेगा। भारत की तरफ से भी इसी तरह के आकड़ों की मांग की गई है।

तीस्ता नदी सिक्किम से निकलकर भारत के पश्चिम बंगाल से बहती हुई बांग्लादेश जाती है। भारत और बांग्लादेश के बीच 54 नदियों का जल साझा किया जाता है।

बांग्लादेश के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव शेख वहीदुज्जमान के हवाले से कहा गया, “एक अस्थाई संधि के लिए हमारे बीच तीस्ता के जल पर आंकड़ों का आदान-प्रदान होना चाहिए। बांग्लादेश एक अंतरिम संधि पर हस्ताक्षर करने का इच्छुक है। इसके साथ हम जल से सम्बंधित आंकड़ो को जुटाना और विश्लेषण करना चाहते हैं।”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस समझौते के प्रस्ताव का विरोध करने के कारण तीस्ता नदी जल बंटवारा समझौता नहीं हो सका। ममता ने प्रधानमंत्री के साथ बांग्लादेश जाने वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ जाने से इंकार भी कर दिया था।

तीस्ता जल बटवार समझौता पर होने वाली अगली संयुक्त नदी आयोग की बैठक के पहले दोनों देशों के बीच आंकड़ों के आदान-प्रदान करने की सम्भावना है।

वहीदुज्जमान ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि भारत इस आयोग की तकनीकी स्तर की समिति के जरिए आंकडे महैया कराएगा।”

भारत द्वारा तीस्ता जल पर 15 वर्षों के आंकड़ों को मागे जाने पर बांग्लादेश की प्रतिक्रिया के सम्बंध में उन्होंने कहा, “हम 15 वर्षो के आकड़ों को तैयार कर रहे हैं।”

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