वाशिंगटन ।। अमेरिका चाहता है कि भारत और चीन जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाएं निरंतर विकास करती रहें, क्योंकि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और अमेरिका को भी लाभ होगा।

अमेरिकी वित्त मंत्री, टिम गीथनर ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, “मैं समझता हूं कि विश्व अर्थव्यवस्था की बड़ी ताकत भारत, चीन, ब्राजील, व रूस सहित प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं में लम्बी अवधि तक बहुत तीव्र विकास दर रहने की सम्भावनाएं हैं।”

व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान जब गीथनर से पूछा गया कि वैश्विक आर्थिक हालात में, खासतौर से यूरोप में क्या वह ब्रिक देशों की कोई उचित भूमिका देखते हैं, उन्होंने कहा, “यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम यह चाहते हैं कि विकास दर लम्बी अवधि तक बनी रहे।”

उन्होंने कहा, “अति आशावादी दीर्घकालिक वृद्धि की उन सम्भावनाओं को स्वीकार करने से हम एक देश के रूप में लाभान्वित होंगे। हम अधिक निर्यात करेंगे। हमारे लिए अमेरिका में अधिक रोजगार तैयार होंगे। और हम एक देश के रूप में प्रमुख लाभार्थी हो सकते हैं। हम उन्हें वैश्विक वृद्धि में सहयोग करते देखना चाहते हैं, और यह सहयोग अधिक संतुलित व निष्पक्ष तरीके से हो।”

गीथनर ने हांलाकि कहा कि “उन्हें अमेरिका में मौजूद नीतियों से अलग तरह की नीतियों की जरूरतों का सामना करना होगा, क्योंकि वे एक बिल्कुल अलग स्थिति में हैं।”

उन्होंने कहा, “लेकिन वे वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए शक्ति के एक बड़े स्रोत हैं। और भविष्य में वे जितनी तेजी के साथ विकास करेंगे, एक देश के रूप में हमें उतना ही लाभ होगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था उतनी ही अधिक संतुलित होगी।”

गीथनर ने कहा कि यूरोप को अपने वित्तीय संकट से उबरने के लिए एक अधिक प्रभावी रणनीति बनाने में मदद करने में अमेरिका की एक बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि यूरोप के पास अपनी चुनौतियों से निपटने की क्षमता है।

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