वाशिंगटन ।। व्हाइट हाउस पर गोलियां चलाने वाले लातिन अमेरिकी मूल के एक 21 वर्षीय युवक पर राष्ट्रपति बराक ओबामा की हत्या की कोशिश करने का आरोप तय किया गया है। इस युवक ने ओबामा को ईसाई-विरोधी बताया था।

अदालत में शुरुआती सुनवाई होने के बाद पेंसिलवेनिया के पिट्सबर्ग में गुरुवार को सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों के मुताबिक ऑस्कर रैमिरो ऑर्टेगा-हर्नाडीज 11 नवंबर को व्हाइट हाउस पर गोलीबारी करने का आरोपी है। इनमें से एक गोली तो व्हाइट हाउस के उस आवासीय क्षेत्र की एक इमारत में लगी थी जहां ओबामा अपने परिवार के साथ रहते हैं।

यदि ऑर्टेगा-हर्नाडीज को दोषी पाया गया तो उन्हें उम्रकेद व 25,000 डॉलर का जुर्माना भरने की सजा हो सकती है।

एक एफबीआई एजेंट द्वारा जारी वक्तव्य के मुताबिक एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि उसने आठ बार जोरदार आवाज सुनी और व्हाइट हाउस के नजदीक कांस्टीट्यूशन एवेन्यू में खड़ी कार से उठता धुआं देखा।

सीक्रेट सर्विस के हवाले बताया गया है कि एक गोली खिड़की में लगी लेकिन बुलेटप्रूफ शीशे की वजह से वह अंदर प्रवेश नहीं कर सकी। दूसरी गोली व्हाइट हाउस के बाहरी हिस्से में लगी थी।

जांचकर्ताओं को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पीस से कई गज की दूरी पर खड़ी ऑर्टेगा हर्नाडीज की कार से एक स्वचालित राइफल, गोलाबारूद व अन्य सामग्री मिली है।

शिकायती दस्तावेज के मुताबिक तीन गवाहों के बयानों के अनुसार ऑर्टेगा-हर्नाडीज ओबामा को अपनी परेशानियों की वजह मानता था और उसने उन्हें ईसाई-विरोधी व शैतान करार दिया था।

एफबीआई एजेंट के हलफनामे में कहा गया है कि एक गवाह ने बताया कि ऑर्टेगा-हर्नाडीज संघीय सरकार का विरोधी था और उसका कहना था कि संघीय सरकार उसके खिलाफ षडयंत्र रच रही है।

एक अन्य गवाह ने बताया कि ऑर्टेगा-हर्नाडीज ओबामा को ईसाई-विरोधी मानता था। इस गवाह ने बताया कि ऑर्टेगा-हर्नाडीज ने उससे कहा था कि वह ओबामा की हत्या कर देगा।

एक और गवाह ने बताया कि ऑर्टेगा-हर्नाडीज ओबामा को शैतान मानता था।

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