वाशिंगटन/तेहरान ।। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने मंगलवार को जारी एक रपट में कहा है कि ईरान 2003 के बाद से परमाणु हथियारों पर लगातार अनुसंधान कर रहा है। 

सीएनएन ने रपट के हवाले से कहा है, “एजेंसी ईरान के परमाणु कार्यक्रम के सम्भावित सैन्य पहलुओं को लेकर चिंतत है।”

रपट में कहा गया है, “उपलब्ध व्यापक जानकारियों के गहन आकलन के बाद एजेंसी ने इस जानकारी को कुल मिलाकर विश्वसनीय पाया है। जानकारी में संकेत है कि ईरान परमाणु विस्फोटक उपकरण के विकास जैसी गतिविधियों में सक्रिय है।”

समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के अनुसार, आईएईए की रपट के अनुसार, 2003 के बाद से ईरान का परमाणु हथियार अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास लगातार जारी है। जबकि 2003 में उसने अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम में विराम की घोषणा की थी।

रपट में कहा गया है कि ईरान ने अस्थायी तौर पर परमाणु गतिविधियों को रोक दिया था, लेकिन इस बात के सबूत हैं कि उसका परमाणु कार्यक्रम अपेक्षाकृत अधिक संयमित गति से जारी है। 

ईरानी अधिकारियों ने इस रपट को झूठा बताया है, जो अमेरिकी राजनीतिक हितों को संतुष्ट करने के लिए है।

राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने आईएईए के प्रमुख युकिया अमानो को अमेरिका का कठपुतली बताया है। उन्होंने कहा, “अमेरिका ने एक ऐसे व्यक्ति को आईएईए का प्रमुख नियुक्त किया है, जिसके पास कोई अधिकार नहीं है।”

आईएईए की नई रपट ने इजरायल से खतरे की एक नई लहर पैदा कर दी है, क्योंकि इजरायल सरकार के वरिष्ठ सदस्यों ने ईरानी परमाणु केंद्रों के खिलाफ हमले की सम्भावना का समर्थन किया है।

इजराली राष्ट्रपति शिमोन पेरेज ने रविवार को कहा कि ईरान पर हमले की सम्भावना बढ़ती जा रही है।

दूसरी ओर ईरानी रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल अहमद वाहिदी ने कहा है कि ईरानी सशस्त्र बल “मुकाबले के लिए पूरी तरह तैयार हैं और हमले का दुस्साहस करने वाले को मुहतोड़ जवाब देंगे।”

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here