नई दिल्ली ।। दुनिया की आबादी अब सात अरब से अधिक हो गई है। सात अरबवें बच्चे का जन्म फिलीपींस के मनीला में हुआ है,जो एक लड़की है। इसका जन्म फिलीपींस के एक अस्पताल में हुआ है और लड़की का नाम “डैनिका मे कमाचो” रखा गया है। डैनिका का जन्म रात 12.02 बजे हुआ।

यूनाइटेड नेशंस की वेबसाइट पर इस आंकड़े को दर्ज कर लिया गया है। इसके साथ ही दुनिया की आबादी अब सात अरब को पार कर गई है।

गौरतलब है कि इसके पहले बताया जा रहा था कि उत्तर प्रदेश के बागपत के सुन्हेड़ा गांव में दुनिया का सात अरबवां बच्चा पैदा होगा। यह बच्‍चा पिंकी का पहला बच्‍चा होगा। वैसे गांव के लोगों को भी पिंकी के बच्चे का इंतजार है। पिंकी 31 अक्तूबर की तय तारीख को बच्चे को जन्म देने वाली है।

एक हफ्ते पहले सुन्हेड़ा गांव के पिंकी पवार के घर लंदन से एक टीम आई थी। टीम का कहना था कि पिंकी का बच्चा दुनिया का सात अरबवां बच्चा होगा। इस टीम ने पिंकी के ब्लॉक के पंजीकरण के आधार पर यह एलान किया है कि अगर लड़का होगा, तो उसका नाम सम्राट रखेंगे और अगर लड़की होती है तो उसका नाम स्नेहा रखेंगे।

कहा जा रहा है कि 31 अक्‍टूबर 2011 को 3 लाख 50 हजार बच्‍चों का जन्‍म होना है। इनमें करीब 75 हजार बच्चे भारत में पैदा होंगे। सबसे ज्‍यादा आबादी वाले देश चीन में इस दिन करीब 46 हजार बच्‍चे जन्‍म लेंगे।

भारत में हर मिनट 51 बच्चे पैदा होते हैं, जो कि दुनिया में सबसे ज्यादा है और अकेले यूपी में 11 बच्चे हर मिनट पैदा होते हैं। उत्तर प्रदेश की जनसंख्या ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी की कुल जनसंख्या के बराबर है। दुनिया की कुल जनसंख्या का 17 प्रतिशत आबादी अकेले भारत में है। चीन की आबादी 133 करोड़ है, जबकि भारत की आबादी 121 करोड़ है।

एक अन्य खबर के मुताबिक, लखनऊ के बाहरी क्षेत्र में माल इलाके के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दुनिया के सात अरबवें इंसान के रूप में सोमवार को एक बच्ची का जन्म हुआ, जिसे नरगिस नाम दिया गया है। इस मौके पर प्रतीकात्मक तौर पर यहां एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।

कार्यक्रम का आयोजन ‘प्लान इंडिया’ नामक एक गैर-सरकारी संगठन ने किया है। संगठन की कार्यकारी निदेशक भाग्यश्री डेंगले ने बताया कि बच्ची का जन्म सुबह 7 बजकर 20 मिनट पर हुआ। नरगिस की मां विनीता और पिता अजय माल इलाके के ही दनौर गांव के रहने वाले हैं।

उधर, रूस ने अपने यहां पैदा हुए एक बच्चे को दुनिया का सात अरबवां इंसान बताया है। समाचार एजेंसी ‘आरआईए नोवोस्ती’ के अनुसार, इस बच्चे का जन्म पेट्रोपावलोवस्क-कामचातस्की शहर में रात हुआ। बच्चे का नाम अलेक्जेंडर रखा गया है। उसकी मां मरीना बोगदानोवा को बच्चे के सात अरबवें इंसान होने का प्रमाण-पत्र भी दिया गया है।

दुनिया के सात अरबवें इंसान के रूप में अलग-अलग दावों को लेकर संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि ऐसे दावे बेमतलब हैं। ‘बीबीसी’ के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में आबादी का आकलन करने वाली इकाई के प्रमुख गेरहार्ड हिलिक ने कहा कि यह कहना काफी मुश्किल है कि दुनिया का सात अरबवां बच्चा कहां पैदा होगा। आबादी के आकलन में एक से दो प्रतिशत की गलती हो सकती है। यानी 31 अक्टूबर को दुनिया की आबादी सात अरब से करीब साढ़े पांच करोड़ ज्यादा या कम हो सकती है। उन्होंने बढ़ती आबादी को लेकर चिंता भी जताई।

‘प्लान इंडिया’ द्वारा लखनऊ में पैदा हुई बच्ची को सात अरबवें इंसान के रूप में मान्यता देने के पीछे वजह कन्या भ्रूण हत्या की समस्या को सामने लाना माना जा रहा है। समझा जा रहा है कि इससे लोगों को लड़कियों को भी समान अधिकार देने की प्रेरणा मिलेगी।

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here