कराची।। पूर्व भारतीय कप्तान धनराज पिल्लै ने भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों से आग्रह किया है कि यदि इन दोनों देशों को हॉकी में अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस लाना है तो उन्हें आपस में द्विपक्षीय श्रृंखला खेलनी होगी।


 


एक दशक पूर्व हॉकी में भारत और पाकिस्तान की टीमों का वर्चस्व था लेकिन हाल के दिनों में ये दोनों टीमें यूरोपीयन टीमों के आगे असहाय नजर आ रही हैं।


पूर्व ओलम्पियन पिल्लै का मानना है कि इन दोनों देशों के खेल में गिरावट की वजह इनके बीच द्विपक्षीय श्रृंखला का नहीं होना है।


समाचार पत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने पिल्लै के हवाले से लिखा है, “पाकिस्तान और भारत के बीच में असल हॉकी खेला जाता है। दोनों देशों की एशियाई शैली अब भी घातक हैं। दुर्भाग्यवश दोनों टीमों के बीच अब द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेली जा रही है। दोनों देश आक्रामक हॉकी खेलते हैं और एक-दूसरे से काफी कुछ सीखते हैं।”


पिल्लै एक मात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलम्पिक, विश्व कप, चैम्पियंस ट्रॉफी और एशियाई खेलों में चार-चार बार खेल चुके हैं।


पिल्लै ने कहा, “हमारे पास अभी भी प्रतिभावान खिलाड़ी हैं लेकिन युवाओं के बीच प्रेरणा की कमी है। यह प्रेरणा पाकिस्तान और भारत के बीच मैचों के माध्यम से हासिल किया जा सकता है। हमने पाकिस्तान के खिलाफ खेलकर काफी कुछ सीखा है क्योंकि हमारे समय में इन दोनों देशों के बीच नियमित रूप से श्रृंखलाएं आयोजित होती रही हैं।”


पिल्लै का कहना है कि यदि सुरक्षा का मामला है तो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय श्रृंखला किसी तटस्थ स्थान पर आयोजित किया जा सकता है।


पत्र के मुताबिक पिल्लै ने कहा, “हमारे पास तटस्थ स्थान पर द्विपक्षीय श्रृंखला खेलने के लिए काफी विकल्प हैं। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मलेशिया और मसकट जैसे स्थानों पर श्रृंखला खेली जा सकती है।”


 


 

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